बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार को अपदस्थ करने के बाद से अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक संगठन इस्कॉन से जुड़े साधु-संतों और मंदिरों को खास तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। दुनियाभर में हो रही आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए कट्टरपंथियों के आगे झुकी मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने इस्कॉन के दो और संन्यासी रुद्र नाथ श्याम सुंदर दास प्रभु और रुद्रप्रोति केसब दास प्रभु को भी बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों को देशद्रोह के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार ब्रह्मचारी चिन्मय दास प्रभु से जेल में ‘मुलाकात करने के जुर्म’ पर पकड़ा गया है। ये चिन्मय दास को भोजन, दवा और पैसा देने गए थे।हिंदुओं और मंदिरों पर आए दिन हो रहे हमलों को रोकने की दिशा में प्रभावशाली कदम नहीं उठाए जाने से न सिर्फ बांग्लादेश बल्कि भारत में भी नाराजगी बढ़ती जा रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सहित कई संगठनों ने हमलों को रोकने के लिए हरसंभव उपाय करने का आह्वान किया है। इस्कॉन ने इन हमलों के विरोध में रविवार (एक दिसंबर) को दुनियाभर में ‘प्रार्थना और जप’ करने का निर्णय किया है।