कोटा हार्ट इंस्टिट्यूट एवं श्रीजी मल्टीस्पेशलटी हॉस्पिटल में 58 वर्षीय वृद्धा का L1 रीढ़ की हड्डी के फ्रैक्चर का सफल ऑपरेशन मिनिमली इन्वेसिव स्पाइन सर्जरी तकनीक से स्पाइन सर्जन डॉ मुकुल जैन द्वारा किया गया।

शामगढ़, मध्य प्रदेश निवासी पुष्पा झाम्ब का 3 सप्ताह पहले घर पर गिरने से कमर दर्द हुआ, जिसके बाद वह 2 दिन चल पायी और फिर दर्द बढ़ने से बिस्तर पकड़ लिया। मरीज़ के परिजन श्रीजी हॉस्पिटल में जब परामर्श के लिए आये तो एमआरआई से पता चला रीढ़ का एक मनका (L1 वर्टिब्रा) फ्रैक्चर होकर 90 % तक दब गया था और रीढ़ की नस (स्पाइनल कॉर्ड) को भी दबा रहा था।  

अनियंत्रित डायबिटीज (HbA1C 9.5 ) से पीड़ित महिला की समस्त जांच और स्वास्थ परिक्षण कर ऑपरेशन का निर्णय लिया गया। मिनिमली इन्वेसिव स्पाइन सर्जन डॉ मुकुल जैन ने MISS तकनीक (बिना चीरफाड़ के) द्वारा ऑपरेशन की सलाह दी। 

मात्र 1 घंटे में ऑपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। ऑपरेशन के अगले दिन से महिला अपने पैर पर बिना किसी सहारे के चलने लगी और फ्रैक्चर के दर्द और रीढ़ की नस पर दबाव और हमेशा के लिए लकवे के खतरे से मुक्त हुई।  

मिनिमली इन्वेसिव स्पाइन सर्जरी (MISS) तकनीक द्वारा बिना चिरफाड़ और दर्द , रक़्त बहाव रहित , बिना संक्रमण , शुगर कंट्रोल, बिना किसी आराम और परहेज के मरीज का ऑपरेशन संभव है और मरीज़ का ऑपरेशन के पहले की तरह नोर्मल जीवनचर्या पर लौटना मुमकिन होता है।