इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) ने धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण प्रभु दास को लेकर अपना रुख साफ किया है। इस्कॉन ने शुक्रवार रात सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा कि चिन्मय प्रभु संगठन के आधिकारिक सदस्य नहीं थे, लेकिन वे उनके अधिकार और स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं। संगठन ने खुद को चिन्मय प्रभु से दूर नहीं किया है और न ही ऐसा करेंगे।चिन्मय प्रभु बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद से पूरे देश में तनाव का माहौल है। उनकी जमानत याचिका रद्द होने को लेकर कई जगहों पर हिंसा भी हुई। इसके बाद गुरुवार को इस्कॉन बांग्लादेश ने चिन्मय प्रभु से खुद को अलग कर लिया था।इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने कहा था कि अनुशासन भंग करने की वजह से चिन्मय को पहले ही संगठन के सभी पदों से हटा दिया गया था। वह उनके किसी भी बयान या प्रतिक्रिया की जिम्मेदारी नहीं लेते हैं। इसके बाद से इस्कॉन की आलोचना हो रही थी।