संभल हिंसा को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने सोमवार को संसद परिसर में मीडिया से बात करते हिंसा के दौरान हुई फायरिंग और उसमें मारे गए लोगों को लेकर कोर्ट, पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने इसे सिर्फ फायरिंग नहीं बल्कि मर्डरकरार दिया। ओवैसी ने कहा कि यह घटना सरकार और प्रशासन के उस रवैये को दर्शाती है जिसमें एक समुदाय को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। ओवैसी का यह बयान उस समय आया है जब देश में सांप्रदायिक और राजनीतिक तनाव के बीच कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। विपक्षी दल इस घटना को लेकर सरकार पर हमलावर हैं, जबकि प्रशासन इसे सुरक्षा व्यवस्था के लिए उठाए गए कदम बता रहा है। फायरिंग की आलोचना करते हुए ओवैसी ने कहा कि यह सिर्फ फायरिंग नहीं है, बल्कि जानबूझकर की गई हत्याहै। ओवैसी ने कहा कि हिंसा हुई, तीन मुसलमानों को गोली मार दी गई। हम इसकी निंदा करते हैं। यह गोलीबारी नहीं बल्कि हत्या है। इसमें शामिल अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए और एक मौजूदा उच्च न्यायालय को जांच करनी चाहिए कि यह पूरी तरह से गलत है, वहां अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने पुलिस और प्रशासन पर निष्पक्षता न बरतने का आरोप लगाया और कहा कि इनकी कार्यशैली लोगों के बीच भय का माहौल पैदा कर रही है। उन्होंने कोर्ट से अपील की कि इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए निष्पक्ष जांच कराई जाए। ओवैसी ने मांगी की है कि इस घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए। इसके अलावा ओवैसी ने कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो। संभल जिले में हालिया हिंसा के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव हुआ, जिसमें फायरिंग हुई और 3 लोग मारे गए। यह घटना राजनीतिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील मानी जा रही है।