*ब्लड कैंसर का कम खर्चे में इलाज अब गोरखपुर में संभव है- आईएमए गोरखपुर*

गोरखपुर/ रेलवे हॉस्पिटल में आईएमए गोरखपुर द्वारा डॉक्टर झींगरण मेमोरियल ओरिशन के कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

 आईएमए गोरखपुर प्रतिवर्ष डॉक्टर सुधीर झींगरण की स्मृति में साइंटिफिक कार्यक्रम करता है जिसमें वरिष्ठ विशेषज्ञ चिकित्सकों को देश के विभिन्न शहरों से आमंत्रित किया जाता है व आधुनिक चिकित्सा जगत में हो रहे बदलाव को लेकर नए-नए विषयों पर व्याख्यान प्रस्तुत किया जाता है।

इस वर्ष ब्लड कैंसर का निदान एवं उपचार तथा रेडिएशन थेरेपी द्वारा कैंसर का जड़ से इलाज.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गोरखपुर शहर के महापौर डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव रहे उन्होंने कहा की क्योंकि मैं स्वयं एक चिकित्सक हुं और आईएमए गोरखपुर का सदस्य भी हुं इसलिए इस संस्था द्वारा किए गए हर छोटे बड़े सामाजिक तथा साइंटिफिक कार्यक्रम में आने पर मुझे अच्छा लगता है. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रेलवे हॉस्पिटल के चीफ मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर बी एन चौधरी रहे।

कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ राजेश गुप्ता ने आए सभी चिकित्सकों तथा अतिथियों का स्वागत किया और कहा की एक डॉक्टर का प्रथम ध्येह यही रहता है कि वह किसी तरह अपने मरीज को ठीक कर दे।

. डॉक्टर अमित मिश्रा ने डॉक्टर सुधीर झींगरण के बारे में चर्चा की जिसमें उन्होंने बताया गया की किस तरह उन्होंने एक मरीज का हृदय का ऑपरेशन किया ऑपरेशन के बाद मरीज को खून की जरूरत पड़ी तो वह स्वयं अपना खून देने के लिए जब गए तो उसी दौरान एयर एंबॉलिज्म नामक बीमारी होने से उनकी मृत्यु हो गई. डॉक्टर साहब द्वारा दिया गया यह बलिदान सदियों से याद किया जाता है और यह एक चिकित्सक और मरीज के बीच के रिश्ते को भी दर्शाता है

कार्यक्रम के अतिथि डॉक्टर राहुल भार्गव ने बताया की ब्लड कैंसर एक लाइलाज बीमारी नहीं है यह एक मृत्यु का संदेश नहीं है यदि समय रहते एक छोटी सी जांच जैसे सीबीसी तथा बोन मैरो टेस्ट हम कर लें तो 90% बीमारियां हम बहुत जल्दी पकड़ सकते हैं और इसका पूरी तरह से इलाज कर सकते हैं.पहले ब्लड कैंसर में बहुत सारी दवाइयां खून के रास्ते दिया जाता था अब 60% से ऊपर दवाइयां केवल मुंह के द्वारा टैबलेट गोलियों से दिया जाता है. और इन दावों से पहले साइड इफेक्ट हो जाते थे जैसे उल्टी दस्त बाल गिरना अब यह साइड इफेक्ट ना के बराबर है. पहले हमें दिल्ली मुंबई जैसे बड़े शहरों में इसका इलाज करने जाना होता था अब यह इलाज गोरखपुर में भी उपलब्ध है तथा इसका खर्च भी अब पहले से बहुत कम हो चुका है। ब्लड कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है इसलिए यदि इसके शुरुआती लक्षण जैसे 2 से 3 हफ्ते तक लगातार बुखार वजन का घटना तिल्ली का बढ़ जाना जगह-जगह गांठे हो जाना रीड की हड्डी में लंबे समय का दर्द यदि ऐसे लक्षण होते हैं तो हमें इसको नजर-अंदाज नहीं करना चाहिए तथा क्वालिफाइड डॉक्टर को दिखाना चाहिए.

  डॉ स्वरूप मित्रा ने बताया रिकी रेडिएशन थेरेपी के इलाज की पद्धति में अब नए बदलाव आ चुके हैं पहले इस थेरेपी के बाद कैंसर की जगह के आसपास की कोशिकाओं की भी सिकाई हो जाती थी लेकिन अब केवल कैंसर की कोशिकाओं को टारगेट करके यह इलाज किया जाता है जिससे साइड इफेक्ट बहुत कम हो जाते हैं और कई मामलों में बड़े ऑपरेशन से मरीज बच जाता है।

कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर ओमकार राय ने किया डॉ.वी.एन.एस यादव, डॉ एस.सी वैश,डॉ मीनाक्षी गुप्ता,डॉ जय श्री मल,डॉक्टर पीसी शाही,डॉ नरेंद्र देव,डॉ एके चतुर्वेदी,डॉ दीप्ति चतुर्वेदी,डॉ अंजू श्रीवास्तव,डॉ तनु वर्मा, डॉ ए.पी गुप्ता, डॉ बी बी गुप्ता, डॉ अभिनीत बाजपेई, डॉ भारतेन्द्र जैन,डॉ इमरान अख्तर,डॉ जी के भगत, डॉ जेपी जायसवाल, डॉ स्मिता जायसवाल सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित रहे।