कोटा।

लकवा यानी ब्रेन स्ट्रोक के प्रारंभिक लक्स्जनो की पहचान मुश्किल है। यह एकाएक होता मरीज को पहले चार घंटे में प्रयाप्त इलाज मिल जाये तो उनके अंग भंग होने का खतरा बहुत कम है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, तनाव और मोटापा के शिकार लोगो को लकवा की आशंका अधिक होती है। स्पाइन (रीड की हड्डी) संबंधी समस्याओं का मुख्य कारण भी खराब खानपान और जीवन शैली है। वर्तमान में लकवा व रीड की हड्डी की समस्या से परेशान मरीज मरीज बड़ी संख्या में अस्पताल में पहुच रहे है।

सर्दी का मौसम शुरू होते है लोगो मे लकवा की शिकायत बड़ी मात्रा में दिखा जा रहा है। लोगो की दिनचर्या में बदलाव व भारी भोजन के कारण मोटापा, है ब्लड प्रेशर, बीपी आदि के शिकार हो रहे है। जिसका असर दिमाग की नसों , हार्ट सहित पूरी बॉडी पर पड़ रहा है। कम उम्र के लोगो में हाई ब्लड प्रेशर के कारण इस फटना या ब्लॉकेज हो जाने से मरीज लकवे का शिकार हो जाता है जो घातक सिद्ध होता है। समय पर उपचार नही मिलने पर इंसान की मौत का खतरा भी बना रहता है। मुख्यत जिन लोगो को हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, बीपी की शिकायत होती है या 60 साल से अधिक उम्र के लोगो को सर्दी में अपनी सेहत कर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

डॉ दीपक वाधवा, न्यूरो एंड स्पाइन स्पेशलिस्ट ने बताया कि लकवा ये गंभीर बीमारी है। जिन लोगो को बीपी शुगर, मोटपा, हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत होती है उन्हें सर्दी के मौसम में अपनी सेहत का विषेध ध्यान रखने की आवश्यकता है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण कई बार नस का फटना या ब्लॉकेज होना का खतरा बना रहता है। जिन मरीजो को डॉक्टर की दवाई चल रही है वो नियमित डॉक्टर से सलाह ले और दवाइयों का सेवन करे। कई बार लोग सोचते है हम ठीक है और ओर दवाइया लेना बन्द कर देते है। बाद में गंभीर स्थिति में उन्हें अस्पताल लाया जाता है। ऐसे मरीजो को समय पर इलाज मिले तो उन्हें बचाया जा सकता है। 

गलत भोजन के कारण भी लकवा का शिकार हुई कि आशंका बनी रहती है। शादियों के सीजन में जरूरत से अधिक मिटा खाना सेहत के लिए हानिकारक है। बीपी, शुगर के मरीजो को मिटा व नमक का उपयोग कम करना चाहिए। मरीज को नियमित व्यायाम के साथ सर्दी से बचाव का ध्यान रखना चाहिए धूप निकलने के बाद वाकिंग के लिए बाहर निकले। प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 10000 कदम पेजल चलना चाहिए। शाम के खाने में हल्का भोजन करे। 

स्पाइन संबंधित समस्याओं का मुख्य कारण भी खराब खानपान और जीवन शैली है। वर्तमान समय में लोग दैनिक दिनचर्या का ध्यान नही रखते जिसका असर इंसान की बॉडी पर पड़ता है केल्शियम व विटामिन डी की कमी के कारण स्पाइन (रीड की हड्डी) की समस्या होती है। कम उम्र के लोगो मे भी यह समस्या बढ़ रही है। बचाव ही इसका सबसे बड़ा उपाय है। 

गर्दन को नीचे की ओर ज्यादा न झुकाएं। सोते समय अधिक मोटा तकिया न लगाएं। मोबाइल फोन इस्तेमाल करते समय भी गर्दन सीधी रखें। पूरी शरीर का चेकअप कराएं। खाली पेट शुगर चेक कराएं। रक्तचाप कंट्रोल में रखें। ब्लड और हार्ट की जांच अवश्य कराएं। दूध, दही, पनीर का सेवन करें। अधिक समय तक चौकड़ी (पालथी) मारकर न बैठें। धूप का आनंद लें या विटामिन डी के पाउडर का पाउच आता है, सप्ताह में एक दिन पिएं।