भारत ने अजरबैजान की राजधानी बाकू में 29वीं कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (COP29) के दौरान विकासशील देशों की मदद के लिए बनाए गए 300 अरब डॉलर के क्लाइमेट फाइनेंस पैकेज को खारिज कर दिया। भारत ने इस रकम को विकासशील देशों की जरूरतों के मुकाबले काफी कम बताया। भारतीय डेलिगेशन की तरफ से चांदनी रैना ने कहा, "हम इससे काफी निराश हैं, ये साफ तौर दिखाता है कि विकसित देश अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के इच्छुक नहीं है। हमें यह कहते हुए खेद है कि यह दस्तावेज महज नजरों का धोखा है। "रविवार को COP29 में विकासशील देशों को 2035 तक हर साल 300 बिलियन डॉलर देने पर सहमति बनी है। इसका मकसद विकासशील देशों को फॉसिल फ्यूल में कमी करने करने के लिए बढ़ावा देना, क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए तैयार करना और इससे होने वाले नुकसान को दूर करने में मदद करना है।