खींवसर में हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल को भाजपा के रेवंतराम डांगा ने 13 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है। ​​​​​इसी तरह, ​​सलूंबर विधानसभा क्षेत्र के आखिरी राउंड में बाजी पलट गई और भाजपा की शांता मीना ने जीत दर्ज की। शांता ने भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) प्रत्याशी जितेश कुमार कटारा को शिकस्त दी है।दौसा विधानसभा सीट से कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा हार गए हैं। झुंझुनूं विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी राजेंद्र भांबू, देवली-उनियारा में भाजपा के राजेंद्र गुर्जर, चौरासी विधानसभा सीट से भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) प्रत्याशी अनिल कुमार कटारा ने जीत दर्ज की है। जिन 7 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, उनमें से एक भाजपा, एक बीएपी, एक हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी और 4 कांग्रेस के पास थी। पांच सीटों पर विधायकों के सांसद बनने और दो पर विधायकों के निधन की वजह से उपचुनाव हुए हैं। खास बात यह है कि यह नतीजा महज इलेक्शन रिजल्ट ही नहीं होगा बल्कि किरोड़ीलाल मीणा की राजनीति की दिशा भी तय करेगा. दौसा के इस उपचुनाव से पहले पूर्वी राजस्थान की ऐसी कई लोकसभा सीटों पर धुआंधार चुनाव प्रचार के बावजूद पार्टी को शिकस्त मिली थी जहां किरोड़ी लाल मीणा ने जीत दिलाने का जिम्मा लिया था. मगर पार्टी का प्रदर्शन कमजोर रहा जिसके बाद किरोड़ी लाल ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था मगर उसे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्वीकार नहीं किया. दौसा विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस की सीधी जंग थी. लेकिन यह जंग किरोड़ी लाल मीणा और सचिन पायलट के लिए भी अहम मानी जा रही थी, जिसे जीतने के लिए जगमोहन मीणा के साथ उनके भाई किरोड़ी लाल मीणा ने भी पूरा दमखम लगा दिया था. दौसा विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस की सीधी जंग थी. लेकिन यह जंग किरोड़ी लाल मीणा और सचिन पायलट के लिए भी अहम मानी जा रही थी, जिसे जीतने के लिए जगमोहन मीणा के साथ उनके भाई किरोड़ी लाल मीणा ने भी पूरा दमखम लगा दिया था. 'भिक्षाम देहि' वाले उनके अभियान ने भी काफी सुर्खियां बटोरी, लेकिन उनका यह दांव भी काम नहीं आया.