पूर्व विधायक और बीजेपी नेता ज्ञानदेव आहूजा ने आज संत रामभद्राचार्य को नसीहत दी। आहूजा ने कहा- किसी भी संत को ऐसी भाषा नहीं बोलनी चाहिए। इससे देश की सामाजिक, समरसता और हिंदू एकता को नुकसान पहुंचे।उन्होंने कहा- दलित, पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज हमारा अभिन्न अंग है। इसलिए किसी भी संत को ऐसा विवादित बयान नहीं देना चाहिए, जिससे दलित समाज उद्वेलित हो। उन्होंने कहा कि मैं संत रामभद्राचार्य से निवेदन करूंगा कि वे ऐसा कोई बयान नहीं दे।ज्ञानदेव आहूजा ने कहा- देश में आरक्षण तब तक खत्म नहीं होना चाहिए। जब तक दलित समाज पूरी तरह से विकसित नहीं हो जाए। उन्होंने कहा- विकसित भारत के नारे में बहुत बड़ा हिस्सा हमारे मजदूर और श्रमिकों का है। वहीं, इन मजदूर और श्रमिकों में 70 प्रतिशत दलित और पिछड़ा वर्ग से आते है। ऐसे में आरक्षण जारी रहना चाहिए।उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में आर्थिक आरक्षण दिया है। आर्थिक आरक्षण को ओर भी बढ़ा दिया जाए तो इसमें कोई बुराई नहीं है। जातिगत आरक्षण समाप्त नहीं होना चाहिए।