देवली- उनियारा के समरावता में उपचुनाव के दौरान हुई हिंसा के बाद अब सरकार ने पूरे घटनाक्रम की जांच की बात कही है. मंगलवार को समरावता गांव के लोगों के साथ गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म के घर हुई बैठक के बाद मंत्री किरोड़ी लाला मीणा ने मीडिया को बताया कि इस मामले की जांच संभागीय आयुक्त से करवाई जायेगी. हालांकि इसको लेकर थोड़ा हंगामा भी देखने को मिला. जब समरवाता आये पंच पटेलों में से कुछ ने न्यायिक जांच की मांग कर दी, जिसके बाद किरोड़ी लाल मीणा भड़क गए. वहीं, संभागीय आयुक्त से जांच करवाने के बात को लेकर कांग्रेस भाजपा पर हमलावर है. सचिन पायलट ने कहा कि इस जांच से कुछ नहीं निकलने वाला. संभागीय आयुक्त से मामले की जांच करवाने का कोई मतलब नहीं, एक सरकारी अधिकारी दूसरे अधिकारी के बारे में क्या जांच करेगा? अब इस मामले में सचिन पायलट और किरोड़ी लाल मीणा आमने-सामने आ गए हैं. समरावता गांव से आये पंच-पटेलों ने मीटिंग में संभागीय आयुक्त से जांच करवाने की सहमति दे दी थी, लेकिन बाद में जब वो इस बात से मुकरे तो किरोड़ी उन पर बरस पड़े. कुछ ग्रामीण कलेक्टर-एसपी की गिरफ्तारी की बात भी कर रहे थे. इस पर किरोड़ी ने उनसे कहा, ''तुम में से कौन कह रहा है कि कलेक्टर-एसपी को गिरफ्तार करो.उन्होंने आगे कहा, '' अब मैं मुख्यमंत्री के पास नहीं जाऊंगा. गहलोत, डोटासरा और पायलट के पास चले जाओ. अगर वो कलेक्टर-एसपी को गिरफ्तार करा दें तो. नीचे उतरो अपना बयान सही करो. अब तुम लोग कह रहे हो कि तुम सहमत नहीं हो. अगर आप लोग सहमत नहीं थे तो आपने हां क्यों भरी थी.''सचिन पायलट ने कहा, "समरावता हिंसा पर पहले सुनने में आया कि न्यायिक जांच होगी लेकिन अब कह रहे हैं कि संभागीय आयुक्त इसकी जांच करेंगे, पता नहीं सरकार क्या चाहती है. जांच इस बात की होनी चाहिए कि ये घटना क्या जानबूझ कर की गई, किसे फायदा पहुंचाने के लिए माहौल खराब किया गया?"