बालोतरा, 12 नवंबर। देश में 0-5 वर्ष से छोटे बच्चों में निमोनिया एवं उससे होने वाली जटिलता, बच्चों में होने वाली मृत्यु का 14 प्रतिशत केस में एक मुख्य कारण है। 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी वांकाराम चौधरी ने बताया कि बच्चों में निमोनिया सुरक्षा में 06 महीने तक विशेष स्तनपान, पर्याप्त पोषण, रोकथाम हेतू पूर्ण टीकाकरण, प्रदूषण मुक्त वातावरण और उपचार के तहत 24 घंटे के भीतर स्वास्थ्य सेवा के साथ एमोक्सिसिलिन के साथ इलाज करें। सांस अभियान के तहत निमोनिया को बेअसर करने के लिए सामाजिक जागरूकता के लिए 12 नवम्बर 2024 से 28 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जायेगा। अभियान के दौरान निमोनिया नहीं तो बचपन सही थीम पर कार्यक्रम आयोजित किये जायेगे। यह अभियान 12 नवंबर 2024 (विश्व निमोनिया दिवस) से 28 फरवरी 2025 तक सांस अभियान संचालित होगा।

उन्होने बताया कि अभियान के दौरान समस्त 5 वर्ष तक की आयु वाले सभी बच्चों की निमोनिया हेतु स्क्रिनिंग किया जायेगा। जिले में एएनएमटीसी अथवा जीएनएमटीसी में निमोनिया/सांस से संबंधित प्रशिक्षण हेतु स्थापित स्कील लेब क्रियाशील किये जायेगे। आरसीएचओ द्वारा स्वंय स्कील लैब की विजिट करते हुए वहा सभी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। उन्होने चिकित्सा अधिकारियों व नर्सिंग अधिकारियों का निमोनिया स्कील लैब के माध्यम से प्रशिक्षण पूर्ण करने के निर्देशस दिये।

उन्होने निर्देश दिये कि समस्त चिकित्सा संस्थानों, हैल्थ एण्ड वेलनेस केन्द्रों व आंगनबाडी केन्द्रों तथा मुख्य स्थानों पर बच्चों में निमोनिया हेतु आईईसी को प्रदर्शित करें। प्रत्येक आशा को समुचित मात्रा में अमॉक्सिसीलिन सिरप एवं प्रत्येक एएनएम एवं सीएचओ को इंजेक्शन जेन्टामाईसिन एवं अमॉक्सिसीलिन सिरप की समुचित मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होने आशाओं व एएनएम को प्रत्येक ब्लॉक व सेक्टर बैठकों द्वारा बच्चों में निमोनिया के लक्षण की पहचान हेतु आमुखीकरण करने के निर्देश दिये।