कोटा प्रसिद्ध कवि व शायर डॉ. अल्लामा इकबाल के जन्म दिन को आज मदरसा दारुल उलूम रजा ए मुस्तुफा विज्ञान नगर कोटा में समाज सेवी हकीम बख्श के मुख्य आतिथ्य में उर्दू दिवस के रूप में मनाया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कार्यक्रम संयोजक व दारुल उलूम रजा ए मुस्तुफा मदरसा के व्यवस्थापक इंजीनियर सिराज अहमद अंसारी ने कहा कि, उर्दू भाषा का संबंध भारत की आज़ाद से जुड़ा हुआ है। अविभाजित भारत के प्रसिद्ध कवि व शायर डॉ इकबाल ने भी इसे अपनी कविता में सारे जहां से अच्छे के रूप में बताया था।
समाज सेवी अनवर खान ने बताया कि, उर्दू भाषा सिर्फ मदरसों तक सिमट कर न रह जाएं, बल्कि इसे देश की एकता की अलख जगाने वाली भाषा के रूप में आगे बढ़ना चाहिए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पत्रकार नूर अहमद पठान ने कहा कि, उर्दू का जन्म भारत में हुआ है। यह संस्कृत और फारसी से जन्मी भाषा है। जो भारतीयों के दिलों में रची बसी हैं।
कार्यक्रम को मदरसा दारुल उलूम रजा ए मुस्तुफा के सदर मोहम्मद सलीम, इंजी. शहीद, हाफिज निजामुद्दीन ने भी संबोधित किया।इस अवसर पर तबस्सुम टोंकी, तबस्सुम अंसारी, नसीम बानो, शमीना गौरी, रेशमा बानो, रेशमा अंसारी और रुबीना अंसारी भी उपस्थित रहे।