ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को 83 किमी लंबे लिंक एक्सप्रेस-वे के जरिये गंगा एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा। इस मार्ग का निर्माण होने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, मेरठ और बुलंदशहर सहित 22 जिलों के लोगों को एयरपोर्ट पहुंचने के लिए सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी।

 

इसके साथ ही उत्तराखंड के लोगों को भी एयरपोर्ट पहुंचने में लाभ मिलेगा। लिंक एक्सप्रेस-वे (Link-Expressway) के लिए भूमि का सर्वे कर लिया गया है। सर्वे में लिंक एक्सप्रेस वे के लिए तैयार संरेक्षण (एलाइन्मेंट) एयरपोर्ट के विस्तार के लिए अधिगृहीत जमीन से गुजर रहा है।

जेवर में बन रहा देश का सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे 

यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) ने उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण को पत्र भेजकर इससे अवगत कराया है। प्राधिकरण के पत्र के बाद लिंक एक्सप्रेस वे के एलाइन्मेंट में बदलाव किया जा सकता है। जेवर में बन रहे देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे को सड़क कनेक्टिविटी के लिए विभिन्न विकल्प तैयार हो रहे हैं।

करीब चार हजार करोड़ लागत, एक हजार हेक्टेयर जमीन की जरूरत

उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने लिंक एक्सप्रेस से के लिए रेडिकॉन इंडिया प्रा. से अध्ययन व सर्वे कराया है। इसके तहत गंगा एक्सप्रेस-वे के चैनेज 44 से लिंक एक्सप्रेस-वे शुरू होकर यमुना एक्सप्रेस-वे के चैनेज 30 पर जुड़ेगा।83 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के 68 गांवों से होकर प्रस्तावित किया गया है। इस पर करीब चार हजार करोड़ लागत और एक हजार हे. जमीन की जरूरत होगी।

 

यूपीडा (UPEIDA) के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री हरि प्रताप शाही ने यमुना प्राधिकरण को पत्र भेजकर लिंक एक्सप्रेस वे के संरेक्षण में आने वाली जमीन का मिलान का आग्रह किया था, ताकि यमुना प्राधिकरण की किसी परियोजना पर इसका विपरीत असर न पड़े। यमुना एक्सप्रेस वे पर जहां लिंक एक्सप्रेस वे जुड़ रहा है। वह क्षेत्र नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का महत्वपूर्ण हिस्सा है।