जैसलमेर– जैसलमेर के बईया गांव में एक मार्मिक घटना ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश और भावुकता का माहौल पैदा कर दिया है। लंबे समय से पवित्र मानी जाने वाली ओरण भूमि पर, जिसे हमारे पूर्वजों ने अपने प्राणों का बलिदान देकर संरक्षित किया है, कुछ कंपनियों ने जबरन कार्य प्रारंभ कर दिया। इसके तहत दुर्लभ प्रजाति के पेड़, जो सदियों से इस पवित्र भूमि का अभिन्न हिस्सा रहे हैं, काटे जाने लगे। इस घटना ने गांव के लोगों को झकझोर दिया, और उन्होंने अपने पुरखों की धरोहर को बचाने के लिए आवाज उठाते हुए धरना दिया। ग्रामीणों द्वारा अपनी संस्कृति, अपनी भूमि और ओरण के संरक्षण की भावना से उठाए गए इस विरोध को दबाने के प्रयास में पुलिस प्रशासन ने न केवल ग्रामीणों को हिरासत में लिया, बल्कि उनके साथ अनैतिक तरीके से मारपीट भी की। स्थानीय लोगों की आस्था और प्रकृति की इस धरोहर पर हुए इस आक्रमण और प्रशासन की ओर से किए गए दमन के प्रति लोगों में व्यापक आक्रोश फैल गया है। इस घटना के प्रति कड़ा विरोध जताते हुए शिव के विधायक रवींद्र सिंह भाटी ने अपने सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक पोस्ट के माध्यम से अपनी पीड़ा और नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा, “वर्षों से हमारे पूर्वजों ने जिन मंदिरों और ओरण में पाए जाने वाले दुर्लभ वृक्षों की रक्षा की और इसके लिए अपने प्राणों का बलिदान भी दिया, आज उसी भूमि पर जबरन पेड़ों की कटाई और निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। यह न केवल अन्याय है बल्कि हमारी सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर पर सीधा हमला है।” विधायक भाटी ने प्रशासन के इस रवैये की कठोर निंदा करते हुए कहा, “ओरण और पवित्र भूमि की रक्षा के लिए आवाज उठाना हर ग्रामीण का हक है, और उनके साथ इस तरह के दमनकारी कदम अत्यंत निंदनीय हैं।” इसके तुरंत बाद शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ख़ुद झिंझिनियाली पहुँचे और प्रशासन के अनैतिक रवैये का अन्य ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ कर प्रतिकार किया। शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने मौके पर मौजूद पुलिस प्रशासन से सवाल किया कि किस ज़ुल्म में शांतिप्रिय तरीक़े से धरना दे रहे ग्रामीणों को गिरफ़्तार किया गया। भाटी ने देर से रिपोर्ट दर्ज करने को लेकर भी पुलिस प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाए। भाटी ने पुलिस प्रशासन को आगाह किया की अगर निर्दोष ग्रामीणों को समय पर नहीं रिहा किया जाता है तो यह आंदोलन विकराल रूप लेगा और हज़ारों की संख्या में लोग प्रशासन के ख़िलाफ़ धरने पर बैठेंगे। विधायक भाटी के मोर्चा संभालने के बाद स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन दबाव में आ गया जिसके बाद पुलिस ने हिरासत में लिए गए समस्त ग्रामीणों को तुरंत प्रभाव से रिहा कर दिया।