दौसा में विधानसभा उपचुनाव के प्रचार कैंपेन के दौरान कुंडल में सभा को संबोधित करते हुए एआइसीसी महासचिव व पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा- दौसा उपचुनाव के बारे में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं, लेकिन यह चुनाव किसी व्यक्ति और समाज का नहीं है। बल्कि विचारधारा और पार्टियों का है। जनता ने दोनों ही दलों को बराबर मौका दिया है, उस काम के इतिहास के दम पर लोग तुलना करेंगे। आज भाजपा के जो नेता भाषण दे रहे हैं उन्हें जवाब देना पड़ेगा की उनके शासनकाल में प्रदेश में गोलियां चली थीं, समाजों में टकराव कराया, लोगों को भिड़ाया था। वो जो माहौल पैदा हुआ था उसके लिए भाजपा जिम्मेदार है कि नहीं। वहीं मैच फिक्सिंग की चर्चाओं पर पायलट ने कहा, जो लोग इस प्रकार की चर्चा करते हैं, वो भाजपा के लोग अति आत्मविश्वास में जी रहे हैं, लेकिन मतगणना होगी तब डीसी बैरवा भारी बहुमत से विधानसभा पहुंचेंगे।पायलट ने कहा- प्रदेश की सभी सातों सीटों पर बहुत अच्छा चुनाव लड़ रहे हैं और दौसा की सीट भी बड़े मार्जिन से कांग्रेस पार्टी जीतेगी। कांग्रेस के सभी नेता एकजुट होकर काम कर रहे हैं, चाहे फिर राज्य सरकार कितनी भी ताकत और तंत्र लगा ले। संत्री-मंत्री डेरा डाले हुए हैं। लेकिन दौसा ने हमेशा कांग्रेस का साथ दिया है। मंत्री किरोड़ीलाल मीणा द्वारा उनके भाई जगमोहन की सचिन पायलट से तुलना के सवाल पर कहा मैं किसी के बारे में व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करता लेकिन राज्य सरकार घोषणा पत्र में किए वादों को ही पूरा नहीं कर पा रही है। पायलट ने कहा- दौसा जिले के जनप्रतिनिधियों को जो मान सम्मान कांग्रेस की सरकार में मिलता है वह बीजेपी कभी नहीं दे सकती। अभी जो दिया है वह भी आधा दिया हुआ है। मान सम्मान देने में किसी का क्या लगता है, कोई खर्चा नहीं करना पड़ता, इसके बावजूद यदि मान सम्मान के लिए भी संघर्ष करना पड़े तो वह सरकार लोगों की भावनाओं की कदर नहीं कर सकती।उन्होंने कहा कि राजनीति और जनप्रतिनिधि भावनाओं पर जीते हैं क्योंकि पद और पोस्ट तो आते-जाते रहते हैं। कोई बर्खास्त कर दे, इस्तीफा दे दे या फिर भाग जाए। पदों की कोई गिनती नहीं होती, जनप्रतिनिधि को मान सम्मान देने से जनता के अंदर एक विश्वास कायम होता है और यदि मान सम्मान नहीं मिलता तो फिर पद लेने के बावजूद कोई नहीं पूछता, क्योंकि मैं दौसा के लोगों के बीच बहुत लंबा समय देखा है। पद पर रहते हुए और बिना पद पर रहे, पक्ष-विपक्ष का भी समय मैंने देखा है। इसलिए कहना चाहता हूं कि नेता के पास पद हो नहीं हो, लेकिन जनता के दिलों पर जिसका राज होता है वही नेता माना जाता है।