नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला द्वारा बडगाम आतंकी हमले की जांच की मांग के बाद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एससीपी) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय को इसे गंभीरता से लेने और इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास करने का सुझाव दिया. शरद पवार ने शनिवार को बारामती में कहा, "फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर की सबसे बड़ी शख्सियत हैं...उन्होंने अपना जीवन जम्मू-कश्मीर के लोगों की सेवा में बिताया. मुझे उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा पर कोई संदेह नहीं है. अगर ऐसा कोई नेता कोई बयान दे रहा है तो केंद्र सरकार खासकर गृह मंत्रालय को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और इस पर काम करने की कोशिश करनी चाहिए कि उस स्थिति को कैसे सुलझाया जा सकता है." इससे पहले आज नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने बडगाम आतंकी हमले की जांच की मांग की और कहा कि उन्हें संदेह है कि यह उन लोगों द्वारा किया गया है जो जम्मू-कश्मीर में सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं.फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "इसकी जांच होनी चाहिए. ऐसा कैसे हुआ कि सरकार आ गई और यह सब हो रहा है? मुझे संदेह है कि यह उन लोगों द्वारा किया गया है जो सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे थे... अगर वे (आतंकवादी) पकड़े जाते हैं तो हमें पता चल जाएगा कि यह कौन कर रहा है. उन्हें नहीं मारा जाना चाहिए, उन्हें पकड़ा जाना चाहिए और पूछा जाना चाहिए कि उनके पीछे कौन है... हमें जांच करनी चाहिए कि क्या कोई एजेंसी है जो उमर अब्दुल्ला को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है." यह पूछे जाने पर कि क्या हाल ही में बडगाम आतंकी हमले सहित जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों के लिए हर बार पाकिस्तान को दोषी ठहराया जाना चाहिए, अब्दुल्ला ने कहा, "इसका कोई सवाल ही नहीं है, मैं कहूंगा कि इसकी जांच होनी चाहिए. उन्हें नहीं मारा जाना चाहिए, उन्हें पकड़ा जाना चाहिए और पूछा जाना चाहिए कि उनके पीछे कौन है... हमें जांच करनी चाहिए कि क्या कोई एजेंसी है जो उमर अब्दुल्ला को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है."शुक्रवार को, आतंकवादियों ने बडगाम जिले के मगाम इलाके के मजहामा में दो गैर-स्थानीय लोगों पर गोलीबारी की. घटना के बाद सुरक्षा बलों ने हमलावरों को पकड़ने के लिए पूरे इलाके की घेराबंदी की.आधिकारिक सूत्रों ने बताया, "आतंकवादियों ने बडगाम जिले के मगाम इलाके के मजहामा में दो गैर-स्थानीय लोगों पर गोलीबारी की. घायलों को तुरंत इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. हमलावरों को पकड़ने के लिए सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है."
'केंद्र सरकार, गृह मंत्रालय गंभीरता से ले', फारूक अब्दुल्ला के आतंकी हमले की जांच कराने पर बोले शरद पवार
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