भारत सरकार ने हाल ही में मध्य पूर्व में चल रहे संघर्ष के बीच फिलिस्तीन के लोगों को 30 टन मेडिकल सप्लाई की खेप भेजकर उनकी सहायता करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की.इस खेप में आवश्यक दवाएं और कैंसर रोधी दवाएं शामिल हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने एक्स पर एक पोस्ट साझा की और कहा, "फिलिस्तीन के लोगों को भारत का समर्थन जारी है. फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करते हुए फिलिस्तीन को आवश्यक जीवन रक्षक और कैंसर रोधी दवाओं सहित 30 टन चिकित्सा आपूर्ति भेजी गई है."पिछले सप्ताह, भारत ने UNRWA के माध्यम से फिलिस्तीन के लोगों के लिए सहायता की अपनी पहली खेप भेजी, जिसमें 30 टन दवा और खाद्य पदार्थ शामिल हैं.जायसवाल ने एक्स पर कहा, "भारत ने नजदीगी पूर्व में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के जरिए फिलिस्तीन के लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजी है."पोस्ट में कहा गया, "सहायता की पहली खेप, जिसमें 30 टन दवा और खाद्य पदार्थ शामिल हैं, आज रवाना हो गई है. इस खेप में आवश्यक दवाओं और शल्य चिकित्सा आपूर्ति, दंत चिकित्सा उत्पाद, सामान्य चिकित्सा आइटम और हाई एनर्जी वाले बिस्कुट की एक बड़ी सीरीज शामिल है."भारत ने इज़रायल-फिलिस्तीन के लिए टू स्टेट समाधान का समर्थन किया है.उल्लेखनीय है कि भारत ने लंबे समय से इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के लिए दो-राज्य समाधान का समर्थन किया है. पीएम मोदी 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इज़रायल पर किए गए भयानक आतंकी हमले की निंदा करने वाले पहले वैश्विक नेताओं में से एक थे और उन्होंने गज़ा में बिगड़ती स्थिति पर बार-बार चिंता व्यक्त की. भारत ने अपनी प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में गज़ा के लोगों को मानवीय सहायता भी भेजी.जुलाई में, भारत ने वर्ष 2024-25 के लिए फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी, यूएनआरडब्ल्यूए को 2.5 मिलियन डॉलर की पहली किस्त जारी की.पिछले महीने, UNRWA ने कहा था कि गज़ा में लोग "अमानवीय" परिस्थितियों में रह रहे हैं. एजेंसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा कि मध्य गज़ा में कचरे के ढेर जमा हो रहे हैं, जबकि सीवेज का पानी सड़कों पर रिस रहा है.UNWRA ने कहा, "परिवारों के पास इस जमा हुए कचरे के बगल में रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, जिससे उन्हें दुर्गंध और स्वास्थ्य आपदा के जोखिम का सामना करना पड़ रहा है."