फिनटेक क्षेत्र की प्रमुख कंपनी KiyaAI ने अयोध्या विकास प्राधिकरण के साथ साझेदारी की है ताकि अयोध्या के आध्यात्मिक महत्व को वैश्विक स्तर पर डिजिटली लोगों तक पहुंचाया जा सके। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एआई फॉर ऑल विजन के अनुरूप है और योगी आदित्यनाथ के विजन 2047 का समर्थन करती है। इसका उद्देश्य अयोध्या को एक प्रमुख आध्यात्मिक और वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना है।
दुनियाभर के 56 देशों में टेक्नोलॉजी समाधान प्रदान करने वाली भारत की अग्रणी फिनटेक कंपनी कियाएआई अपने मेटावर्स प्लेटफॉर्म ''भारतमेटा'' के जरिये एक बड़ा कारनामा करने जा रही है। कंपनी की प्लानिंग आध्यात्मिक पर्यटन के क्षेत्र में क्रांति लाने की है। दीवाली से पहले कंपनी ने राम जन्मभूमि मंदिर, हनुमान गढ़ी और सरयू नदी के किनारे स्थित विभिन्न घाट सहित प्रमुख आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का 3D वर्चुअल एक्सपीरिएंस विकसित करने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण के साथ साझेदारी की है।
इस पहल का उद्देश्य है, 2025 की शुरुआत तक अयोध्या के पवित्र स्थलों को वैश्विक दर्शकों के लिए सुलभ बनाना। भारत का पहला स्वदेशी मेटावर्स प्लेटफॉर्म भारतमेटा अपनी पहचान परसिस्टेंट वर्ल्ड के रूप में करता है जो वास्तविक दुनिया के साथ मौजूद रहता है। यह लोगों को बैंकिंग/फिनटेक, प्रशिक्षण, वाणिज्य, रियल एस्टेट, मनोरंजन, संस्कृति और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सार्थक इमर्सिव एक्सपीरिएंस के लिए जुड़ने, लोगों के साथ संवाद करने, व्यवसाय करने, गठजोड़ करने और AI बेस्ड कंटेंट तैयार करने में मदद करता है।
यह समाधान डिजिटल भुगतान, बाजार, खुले वाणिज्य और अतिरिक्त डोमेन के लिए भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे का लाभ उठाकर विभिन्न उद्योगों के लिए प्रासंगिक उपयोग की सुविधा प्रदान करता है। पिछले साल एक वैश्विक वेंचर फंड के साथ संयुक्त उद्यम में माता वैष्णो देवी मेटावर्स एसेट के सफल लॉन्च और पिछले महीने काशी विश्वनाथ मेटावर्स के बाद, कियाएआई अपनी डिजिटल ऑफरिंग का विस्तार जारी रखे हुए है।
कियाएआई के सह-संस्थापक, प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी, राजेश मिरजानकर ने कहा "अयोध्या भारत का आध्यात्मिक हृदय है और भारतमेटा के मेटावर्स के माध्यम से हमारा लक्ष्य है, भौतिक सीमाओं को पार कर इसकी समृद्ध विरासत को दुनिया के साथ साझा करना। यह पहल माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एआई फॉर ऑल' विजन के साथ जुड़ती है, जो समावेश और साझा सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देती है और श्री योगी आदित्यनाथ के 'विजन 2047' का समर्थन करती है, ताकि अयोध्या को एक प्रमुख आध्यात्मिक और वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किया जा सके।