प्रदेश में चुनाव, उप चुनाव तो बहुत हुए लेकिन आज तक एक-एक सीट पर 14-14 स्टार प्रचारकों में टक्कर नहीं देखी। इस बार 7 सीटों पर होने वाले उप चुनावों के इतिहास में पहली बार 95 स्टार प्रचारक उतारे गए हैं। इनमें 40-40 स्टार प्रचारक कांग्रेस और बीजेपी के हैं। शेष बीएपी पार्टी और आरएलपी व अन्य के हैं। कुछ निर्दलीय जनता की मांग पर स्टार प्रचारक हो रहे हैं।दूसरी रोचक बात यह है कि प्रदेश के स्थानीय नेताओं को पहली बार इतनी बड़ी संख्या में स्टार प्रचारक बनने का मौका मिला। वह भी सिर्फ सात सीटों पर। एक रिकाॅर्ड यह भी बना है कि कुल 94 प्रत्याशी है, उससे भी ज्यादा 95 स्टार प्रचारक हो गए हैं। अभी नामांकन वापस लेने की तिथि शेष है। नामांकन वापसी के बाद संभव है कि प्रत्याशी कम हो जाए और स्टार प्रचारकों की फौज ज्यादा रह जाए। कांग्रेस ने 18 पूर्व मंत्रियों को स्टार प्रचारक बनाया है। वहीं भाजपा ने अब 14 मंत्रियों को उतारने का फैसला किया है । हर सीट पर दो-दो मंत्री तैनात रहेंगे। 4 सीनियर नेताओं को पहले ही सलूंबर, चौरासी क्षेत्रों में जिम्मा दे दिया। पहले भाजपा ने अपनी स्टार प्रचारकों की सूची में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ एवं प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल सहित कुल 40 नेताओं को शामिल किया था। इनमें चार केंद्रीय मंत्री, पांच राज्यसभा सांसद, दो लोकसभा सांसद, दोनों उपमुख्यमंत्री और छह मंत्री शामिल हैं। इसके बाद कांग्रेस ने भी 40 स्टार प्रचारक उतारे। इनमें पूर्व सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट सहित 18 पूर्व मंत्री, 9 सांसद, 14 विधायक शामिल हैं। जयपुर में पीसीसी ने चुनाव के संचालन के लिए प्रदेश स्तरीय वॉर रूम का गठन किया है। पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के निर्देश में यह वॉर रूम 24X7 की तर्ज पर काम कर रहा है। जसवंत गुर्जर के नेतृत्व में गठित विशेष टीम पूरे चुनाव का संचालन देख रही है। इसमें बंद कमरे में चुनिंदा कांग्रेसी नेताओं के अलावा किसी की एंट्री नहीं है। इसमें 7 सीटों पर उपचुनाव की पूरी मॉनिटरिंग, बूथ, मंडल व ब्लॉक स्तर का माइक्रो मैनेजमेंट, प्रत्याशी व स्थानीय टीम के लगातार संपर्क, प्रमुख नेताओं की सभाओं का जिम्मा आदि काम देखे जाते हैं।