नई दिल्ली। संसदीय समिति भी राजनीतिक अखाड़ा बनने लगी है। तीन दिन पहले वक्फ पर गठित जेपीसी में सत्तापक्ष और विपक्षी सदस्य आमने सामने दिखे थे। अब लोक लेखा समिति में वह दृश्य नजर आने लगा है। गुरुवार को सेबी प्रमुख माधवी बुच ने निजी कारणों का हवाला देकर बैठक में आने से इंकार कर दिया।

 

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उनकी शिकायत की

 

बुच के आने से मना करने के बाद पीएसी अध्यक्ष व कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने बैठक स्थगित कर दी जिसका समिति में शामिल भाजपा सदस्यों ने कड़ा विरोध किया। पीएसी अध्यक्ष पर एकतरफा निर्णय लेने का आरोप लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उनकी शिकायत की। वहीं समिति में शामिल विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए के सांसद वेणुगोपाल के साथ रहे।हिंडनबर्ग रिपोर्ट में माधवी बुच पर लगाए गए निजी आरोपों पर गरमाई सियासत के बीच पूंजी बाजार नियामक सेबी प्रमुख को लोक लेखा समिति ने पूछताछ के लिए बुलाया था। बुच भले बैठक में नहीं आयीं मगर लोक-लेखा समिति दलीय आधार पर साफ-साफ विभाजित दिखी। पीएसी की बैठक शुरू होने से महज डेढ़ घंटे पहले बुच ने नहीं आने का संदेश भेजा।