बिखरते परिवार, टूटते रिश्ते, बढती वाहन दुर्घटनाओं, महिला उत्पीड़न, हिंसा, आत्महत्या व संगठित अपराधों की जड बन चुके शराब पर पाबंदी लगाने की नितांत जरूरत है। प्रदेश में शराबबंदी कानून की मा़ंग को लेकर आज कबीर वाणी के राष्ट्रीय प्रचारक संत प्रभाकर साहेब के नेतृत्व में कबीर पारख संस्थान के सदस्यों एवं क्षेत्र वासियों ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से भेंट कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। शिक्षा मंत्री ने शराब के दुष्परिणामों पर चिंता जताते हुए, इस बात विधानसभा में उठाने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर कबीर पारख संस्थान के अध्यक्ष संत गुरुबोध दास, संत कबीर आश्रम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. राकेश अग्रवाल, हरिप्रसाद महावर, संतोष दास ,दया दास, सुरेन्द्र मीणा, समेत क्षेत्र वासी उपस्थित रहे। पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रभाकर साहेब ने कहा कि जिस प्रदेश में कभी दूध की नदियाँ बहने की कहावत है वहाँ आज शराब की नदियों की कहावत चरितार्थ हो रही है , लोग शिक्षा के मंदिरों में भी झूमते हुए जाते हैं, यह पतन की पराकाष्ठा है। आज मंदिरों से ज्यादा मदिरालयों की बहार है। सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। और राजस्थान को मदिरा मुक्त प्रदेश बनाने की आवश्यकता है। सरकार द्वारा शराब बंदी न करने तक उन्होंने सर्व संत समाज एवं प्रबुद्ध जनों को आंदोलन के लिए आव्हान किया।