बाड़मेर, 18 अक्टूबर। राज्य स्तरीय उवर्रक दल ने शुक्रवार को बाड़मेर जिले के भ्रमण के दौरान उर्वरकों की उपलब्धता, वितरण एवं कालाबाजारी, जमाखोरी की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने जिला कलक्टर टीना डाबी से मिलकर उर्वरक की उपलब्धता के बारे में अवगत कराया। जिला कलक्टर ने राज्य स्तरीय दल को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए।
राज्य स्तरीय उर्वरक निरीक्षण दल में शामिल संयुक्त निदेशक लक्ष्मणराम जाट, गजानंद यादव एवं डीबीटी उर्वरक राज्य समन्वयक संजीव कुमार ने बाड़मेर जिले का भ्रमण कर डीएपी एवं यूरिया उर्वरकों की मांग एवं उपलब्धता का जायजा लिया। बाड़मेर प्रवास के दौरान राज्य स्तरीय उर्वरक दल ने जिला कलक्टर टीना डाबी एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेन्द्रसिंह चांदावत से औपचारिक मुलाकात कर उर्वरकों की आपूर्ति के बारे में अवगत कराया। इस दौरान संयुक्त निदेशक डॉ. आर.बी.सिंह ने बाड़मेर जिले मे उपलब्ध उर्वरकों एवं वितरण से अवगत कराते हुए राज्य स्तरीय दल से अनुरोध किया कि राज्य स्तर पर जिले की डीएपी की मांग विगत 03 वर्षाे की औसत खपत के आधार पर आवंटन किया गया है। जबकि बाड़मेर जिले मे रबी मौसम मे सिंचित क्षैत्र बढने से विगत पांच वर्षाे की तुलना मे लगभग 3 लाख हैक्टेयर क्षैत्रफल से बढकर 4.50 लाख हैक्टेयर क्षैत्रफल हो गया है। इसके कारण डीएपी एवं अन्य उर्वरक की मांग बढी है। उन्होंने कहा कि बाड़मेर जिले मे डीएपी उर्वरक के आवंटित लक्ष्यों को बढाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि डीएपी के वैकल्पिक स्त्रोत के रूप मे 3 बैग एसएसपी एवं 1 बैग यूरिया के संयोजन के साथ उपयोग के लिए कृषकों की गोष्ठियां आयोजित की गई है। साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से डीएपी के स्थान पर वैकल्पिक उर्वरकों के प्रयोग करने की सलाह दी गई है। इस कारण कृषकों में एसएसपी उर्वरक के प्रति उत्साहजनक रूझान बढा है। उन्होंने बताया कि उर्वरकों के सुचारू वितरण एवं शिकायत निवारण के लिए जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। इसके अलावा चार निगरानी दल गठित किए गए है। इस दौरान संयुक्त निदेशक लक्ष्मणराम जाट जिला कलक्टर को आश्वस्त किया कि रबी मौसम में डीएपी एवं अन्य उर्वरकों की उपलब्धता बाड़मेर जिले मे पर्याप्त मात्रा में करने के साथ उर्वरकों की रैक लगाई जा रही है। इसके अलावा फलोदी, जोधपुर एवं जालोर रैक पोइंट से भी बाड़मेर जिले को उर्वरक उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके उपरांत राज्य स्तरीय दल ने उर्वरकों की उपलब्धता एवं वितरण की निगरानी के लिए क्रय विक्रय सहकारी समिति लिमिटेड बाड़मेर का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कृषकों की ओर से आधार कार्ड के माध्यम से उर्वरक क्रय किए जा रहे थे। सहकारी समिति में प्रचुर मात्रा मे उपलब्ध अन्य उर्वरक यथा एसएसपी, एनपीके, नैनो यूरिया नैनो डीएपी के वितरण एवं उपलब्धता पर संतोष जाहिर किया। सहकारी समिति के व्यवस्थापक जगदीश प्रसाद गोस्वामी ने बताया कि बाड़मेर सहकारी समिति से बाड़मेर पंचायत समिति के अतिरिक्त बाड़मेर ग्रामीण, गडरारोड़, रामसर एवं शिव क्षेत्र की ग्राम पंचायतों के किसान डीएपी एवं अन्य उर्वरक क्रय करते है। बाड़मेर सहकारी समिति में अधिक मात्रा मे उर्वरक का आवंटन करवाने की आवश्कयता है। राज्य स्तरीय दल ने केवीएसएस, बायतु का निरीक्षण करते हुए डीएपी एवं अन्य उर्वरकों की उपलब्धता एवं वितरण पर संतोष जाहिर किया। इस दौरान सहायक निदेशक पदमसिंह भाटी ने अवगत कराया कि प्रतिदिन पोस मशीन के स्टॉक की सूचना एवं भौतिक रूप से उपलब्ध उर्वरकों के स्टॉक की जांच के लिए सूची क्षेत्रीय कार्मिकों को व्हाट्स अप के माध्यम से भेजकर सत्यापन करवाया जा रहा है। ताकि किसी भी प्रकार की कालाबाजारी एवं जमाखोरी की आशंका नहीं रहें।