सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कोरोना वैक्सीन के कारण ब्लड क्लोटिंग जैसे साइड-इफेक्ट का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी। चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि जनहित याचिका सिर्फ सनसनी पैदा करने के लिए दायर की गई थी।बेंच ने कहा, 'क्लास एक्शन सूट दायर करें! इसका क्या फायदा है? कृपया यह भी समझें कि अगर आपने वैक्सीन नहीं ली तो क्या साइड-इफेक्ट होंगे। हम इस मुद्दे को उठाना नहीं चाहते, यह सिर्फ सनसनी पैदा करने के लिए है।' यह याचिका प्रिया मिश्रा और अन्य याचिकाकर्ताओं ने दायर की थी। ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने अप्रैल में कोर्ट में माना था कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। हालांकि ऐसा बहुत रेयर (दुर्लभ) मामलों में ही होगा। एस्ट्राजेनेका का जो फॉर्मूला था उसी से भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ने कोवीशील्ड नाम से वैक्सीन बनाई है।ब्रिटिश हाईकोर्ट में जमा किए गए दस्तावेजों में कंपनी ने माना है कि उसकी कोरोना वैक्सीन से कुछ मामलों में थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी TTS हो सकता है। इस बीमारी से शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है।