बूंदी। सूबे की भाजपा सरकार ने अपने 10 माह के कार्यकाल में प्रदेश की लगभग पूरी ब्यूरोक्रेसी का ढांचा बदल दिया है। सरकार द्वारा गत जनवरी माह से अब तक करीब 80 तबादला सूची जारी की जा चुकी हैं, जिनमें लगभग 2000 ब्यूरोक्रेट्स इधर-उधर किए। प्रशासनिक ढांचे में इतने बड़े स्तर पर सर्जरी के बावजूद जहां ब्यूरोक्रेसी पर आरोप- प्रत्यारोप की चर्चाएं सियासी गलियारों में चल रही है। यही नही सरकार द्वारा इतने बड़े स्तर पर तबादला सूची जारी किए जाने के बाद भी प्रदेश के कई जिलों में पद के अनुरूप अधिकारी नही लग पाएं, ऐसे में उक्त पदों का भार अतिरिक्त अधिकारियों पर है या फिर अधीनस्थ अधिकारी बड़े पदों का मजा ले रहे है। 
जानकारी अनुसार राजस्थान में सत्ता पर काबिज होने के बाद से भजनलाल सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की 25, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की 18, राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) की 29 और भारतीय वन सेवा (आईएफएस) की 7 तबादला सूची जारी की गई है, इसमें दिलचस्प ये भी है कि एसडीएम और एडीएम के ज्यादातर दो से चार बार तक तबादले किए गए।
ऐसे बदले बार-बार अधिकारी-
जनवरी में 72 आईएएस व 121 आरएएस, फरवरी में 33 आईएएस व 561, आरएएस, मार्च में 106 आरएएस, 5 सितंबर को 108 आईएएस और 386. आरएएस का तबादला हुआ। 23 सितंबर को 183 और 7 अक्टूबर को 83 आरएएस बदले गए। वहीं फरवरी में 89 और सितंबर में 58 आईपीएस इधर- उधर हुए। आईएफएस की अब तक 7 सूची में 61 के तबादले किए गए।
पूर्व मंत्री यूनुस खान ने लगाया ब्यूरोक्रेसी पर बड़ा आरोप-
उधर पूर्व में भाजपा सरकार में मंत्री रहे और मौजूदा समय के निर्दलीय विधायक यूनुस खान ने भी प्रदेश की भजनलाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान में सरकार की बजाय ब्यूरोक्रेसी हावी है। खान ने कहा कि वर्तमान में ब्यूरोक्रेसी के हावी रहने के कारण पूरे राजस्थान में चहुओर भ्रष्टाचार का बोलबाला है। उन्होने कहा कि खुद पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, लेकिन इसका असर नजर नहीं आ रहा। वर्तमान में प्रदेश के प्रत्येक जिले में आमजन ही नहीं सताधारी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता तक बेलगाम ब्यूरोक्रेसी से खासे परेशान है। युनूस खान ने कहा कि मैंने स्वंय विधानसभा में और मंत्रियों से भ्रष्टाचार की शिकायतें की, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।