शनिवार को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में ‘हिन्दू आक्रोश दिवस’ मनाया गया। जो निमित्तेकम सोसायटी और धर्मांश फाउंडेशन की तरफ से आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ समेत कई लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान भारत में हिन्दू शरणार्थियों के हित के लिए 'विस्थापित हिन्दू पुनर्वास बोर्ड' के गठन की मांग भी की गई।मीडिया से बात करते हुए पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने बताया- यह भी अच्छा बदलाव है की आज राजनीतिक दल हिंदू की बात करने लगे हैं। हम सनातनी लोग समझते हैं कि हर समस्या का हल सरकार के पास है। शायद यही हमारी सबसे बड़ी भूल और कमजोरी है। इसलिए हम इंतजार करते रहते है कि सरकार इस पर कोई नियम-कानून बनाए। सरकार ये जब करना होगा तब करेगी। लेकिन आप ही के देश में कोई 20-22 करोड़ लोग रह रहे हैं।जो सरकार की तरफ मुंह नहीं देखते हैं। वो 20 करोड़ है। वो पढ़े लिखे है कि नहीं है। कोई पीएचडी किया हुआ डॉक्टर है कि नहीं इसकी चिंता नहीं करते। वो 20-22 करोड़ लोग अपनी सामूहिक शक्ति से इस देश में 70 सालों में जितनी भी सरकारें आई उन सरकारों के मुखिया हिंदू ही रहे, चाहे वह कोई भी पार्टी रही हो। लेकिन उनकी सामूहिक शक्ति इतनी जबरदस्त है। इस देश में पिछले 70 सालों में इस संविधान ने भारत के सनातनी हिंदुओं को आठवें दर्जे का नागरिक बना दिया। ये हमें कोई भी नहीं बता रहा है।