राष्ट्रीय मेला दशहरा 2024 के तहत अहंकार का प्रतीक रावण कुटुंब सहित दहन स्थल पर खड़ा हुआ। ऐसे में, पुतले को कंकर मारने की परंपरा का निर्वहन करने लोग भी भारी संख्या में पहुँच गए। मान्यता है कि रावण के पुतले को कंकड़ मारने से बीमारियां नहीं होती हैं। ऐसे में मान्यता अनुसार लोग कंकर मारने पहुंचना शुरु हो गए। हालांकि भारी भीड़ और कुछ असामाजिक तत्वों के कारण मौके पर पुलिस बल भी तैनात करना पड़ा। यहाँ बच्चों के साथ पुतले की एक झलक पाने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। मोबाइल से सेल्फी और तस्वीरें लेने वालों की होड़ लगी रही। ऐसे में पुलिस प्रशासन और निगम अधिकारियों ने लोगों से समझाइश की। उल्लेखनीय है कि सिंधी समाज में भी पुतले के पीछे बच्चों का मुंडन कराने की परंपरा है।