कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार ने 2022 के हुबली दंगों से जुड़े मामले को वापस ले लिया है। इस केस में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता मोहम्मद आरिफ समेत 139 लोगों के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज था। इन पर पुलिस पर हमला करने और पुलिस स्टेशन में घुसने की धमकी देने का आरोप था।केस वापस लेने पर भाजपा ने कांग्रेस पर मुस्लिमों को खुश करने का आरोप लगाया है। भाजपा नेता एन रवि कुमार ने कहा;- कांग्रेस सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। यह आतंकवादियों का समर्थन कर रही है और उनके खिलाफ मामलों को वापस ले रही है। जबकि किसानों और छात्रों पर मामले लंबित हैं। दरअसल, 16 अप्रैल 2022 को हुबली के पुराने पुलिस स्टेशन पर एक हिंसक भीड़ ने हमला कर दिया था। भीड़ ने पथराव किया। इसमें एक इंस्पेक्टर सहित 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।भीड़ ने पास के हनुमान मंदिर और अस्पताल को भी निशाना बनाया था। इससे भी काफी नुकसान हुआ था। पुलिस ने दंगों में शामिल 12 FIR दर्ज कीं और 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था । BJP आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने कानून और पुलिस विभाग के विरोध के बावजूद पुराने हुबली पुलिस स्टेशन दंगा मामले को वापस ले लिया है।उन्होंने आगे कहा कि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मामले को वापस लेने की सिफारिश की थी। दंगे और उसके बाद हुए पथराव में कई पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। यह और कुछ नहीं बल्कि मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर कांग्रेस की गंदी राजनीति है।