राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदुओं से एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा- हिंदू समाज मतभेद और विवाद मिटाकर एक साथ आएं। संघ प्रमुख शनिवार शाम को राजस्थान के बारां में स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे।शनिवार को ही मोदी ने महाराष्ट्र में कहा था- हम बंटेंगे तो बांटने वाले महफिल सजाएंगे, जश्न मनाएंगे। अगस्त में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था- हम बंटेंगे तो कटेंगे। एक रहेंगे-नेक रहेंगे। भागवत ने कहा- हिंदू समाज को भाषा, जाति और प्रांत के मतभेद और विवाद मिटाकर अपनी सुरक्षा के लिए एकजुट होना होगा। समाज ऐसा हो जहां संगठन, सद्भावना और आत्मीयता का व्यवहार हो। समाज में आचरण का अनुशासन, राज्य के प्रति कर्तव्य और ध्येय निष्ठ होने का गुण आवश्यक है। मैं और मेरा परिवार मात्र से समाज नहीं बनता, बल्कि हमें समाज की सर्वांगीण चिंता से अपने जीवन में भगवान को प्राप्त करना है।विश्व में भारत की प्रतिष्ठा अपने देश के सबल होने से है। सबल राष्ट्र के प्रवासियों की सुरक्षा भी तब ही होती है, जब उनका राष्ट्र सबल है। वरना निर्बल राष्ट्र के प्रवासियों को देश छोड़ने के आदेश दे दिए जाते हैं। भारत का बड़ा होना प्रत्येक नागरिक के लिए भी उतना ही आवश्यक है। भारत हिंदू राष्ट्र है। प्राचीन समय से हम यहां रहते आए हैं, भले हिंदू नाम बाद में आया हो। यहां रहने वाले भारत के सभी पंथों के लिए हिंदू प्रयोग हुआ। हिंदू जो सबको अपना मानते हैं और सबको स्वीकार करते हैं। हिंदू कहता है कि हम भी सही और तुम भी अपनी जगह सही। आपस में निरंतर संवाद करते हुए सद्भाव से रहें।