राजस्थान के बारां जिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत चार दिवसीय प्रवास पर है। उन्होंने प्रवास के तीसरे दिन शनिवार शाम को कृषि उपज मंडी परिसर में स्वयंसेवक एकत्रीकरण कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस दौरान सरसंघचालक भागवत ने उदाहरण देकर स्वयंसेवकों को अपनी बात समझाई। उन्होंने युगांडा में करीब 49 साल पहले इजराइल के एक यात्री विमान के अपहरण की घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि युगाण्डा में जिस जगह पर विमान को अपहरण कर रखा था। उस जगह इजराइल ने हमलाकर जहाज को छुड़ाकर वापिस अपने देश ले आया।मोहन भागवत ने कहा कि इस घटना से इजराइल ने पूरी दुनिया में अपने को मजबूत देश सिद्ध किया। इजराइल छोटा सा देश है, लेकिन उसमें राष्ट्रभक्ति कूट-कूट कर भरी हुई है। हमें भी भारत की दुनिया में प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए उसे मजबूत बनाना होगा। उन्होंने कहा कि विश्व में भारत की प्रतिष्ठा अपने देश के मजबूत होने से है। मजबूत राष्ट्र के प्रवासियों की सुरक्षा भी तब ही है, जब उनका राष्ट्र सबल है वरना निर्बल राष्ट्र के प्रवासियों को देश छोडने के आदेश दे दिए जाते है। भारत का बड़ा होना प्रत्येक नागरिक के लिए भी उतना ही आवश्यक है। हिन्दु समाज को अपनी सुरक्षा के लिए भाषा, जाति, प्रांत के भेद व विवाद मिटाकर संगठित होना होगा। समाज ऐसा हो, जहां संगठन, सद्भावना एवं आत्मीयता का व्यवहार हो। समाज में आचरण, अनुशासन, राज्य के प्रति कर्तव्य एवं ध्येय निष्ठ होने का गुण आवश्यक है। मैं व मेरा परिवार मात्र से समाज नहीं बनता, बल्कि हमें समाज की सर्वांगीण चिंता करनी होगी।