नई दिल्ली। राष्ट्र स्वतंत्रता सेनानी श्यामजी कृष्ण वर्मा की जयंती मना रहा है। गुजरात में जन्मे स्वतंत्रता सेनानी श्यामजी कृष्ण वर्मा ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

उन्होंने लंदन में इंडिया हाउस की स्थापना की थी, जो आजादी से पहले देश के बाहर भारतीय राष्ट्रवाद के एक प्रमुख केंद्र के रूप में कार्य करता था। श्यामजी कृष्ण वर्मा का 1930 में निधन हो गया। उनकी आखिरी इच्छा थी कि उनकी अस्थियां स्वतंत्र भारत की धरती पर वापस लाई जाए। उनका यह सपना आजादी के 56 वर्ष बाद 2003 में साकार हुआ।

मोदी ने जिनेवा से उनकी अस्थियां वापस लाईं

गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेन्द्र मोदी ने जिनेवा से उनकी अस्थियां वापस लाईं। 22 अगस्त 2003 को पीएम मोदी विले डे जिनेवे और स्विस सरकार से श्यामजी कृष्ण वर्मा की अस्थियां लेने के लिए स्विट्जरलैंड के सेंट जार्ज सिमेटरी पहुंचे थे।

कुछ साल बाद 2010 में पीएम मोदी ने मांडवी में क्रांति पीठ स्मारक का उद्घाटन किया, जो लंदन में इंडिया हाउस की नकल है। इसमें श्याम जी और उनकी पत्नी की अस्थियों के साथ-साथ मूर्तियां भी हैं।