ईरान के इजरायल पर मिसाइल हमलों के बाद मध्यपूर्व में तनाव बढ़ गया है। इस कारण से महत्त्वपूर्ण समुद्री मार्ग पर भारतीय कंपनियों को व्यापार में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसका आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ेगा, जो पिछले साल से ही प्रभावित चल रहा है। इधर, दिल्ली में तुगलक रोड स्थित इजरायली दूतावास के आसपास पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। जानकारों का कहना है कि कि इजरायल और ईरान के बीच सीधा संघर्ष भारतीय निर्यातकों के लिए महत्त्वपूर्ण व्यापार मार्ग लाल सागर को गंभीर रूप से बाधित कर सकता है। लाल सागर का संकट पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुआ था, जब ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों की ओर से इलाके में व्यापार को बाधित करना शुरू किया गया थाइस बीच, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने वाशिंगटन में एक चर्चा के दौरान इजरायल-ईरान के बढ़ते तनाव पर कहा कि वार्ता और कूटनीति से दोनों देशों के विवाद को सुलझाने के लिए भारत मध्यस्थता के लिए तैयार है। संकट के समय संवाद के आदान-प्रदान के महत्त्व को कमतर नहीं समझना चाहिए। जयशंकर ने कहा कि हम यह भूमिका निभा सकते हैं।विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत मध्य-पूर्व में बढ़ते संघर्ष को लेकर फिक्रमंद है, क्योंकि इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव में ‘पूर्ण युद्ध’ का रूप लेने का जोखिम है। हम चाहते हैं कि बातचीत और कूटनीति से सभी मसलों का हल खोजा जाए। किसी भी देश को सैन्य प्रतिक्रिया के समय अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना चाहिए और नागरिकों को नुकसान पहुंचाने से बचना चाहिए।

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