उदयपुर के गोगुंदा में आदमखोर पैंथर का 13वें दिन भी कोई सुराग नहीं लगा है. वन विभाग की अलग-अलग टीमें गठित कर रात भर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इस ऑपरेशन में आर्मी के जवान कैमरे से रात भर निगरानी कर रहे हैं. साथ ही वन विभाग ने लगाए गए पिंजरो में पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है. इस दौरान डीएफओ अजय चित्तौड़ा, एसडीएम डॉ. नरेश सोनी, तहसीलदार ओमसिंह लखावत और एसएचओ शैतान सिंह नाथावत भी मौजूद रहे. देर रात नाले के पास पैंथर का मूवमेंट भी देखा गया था. पैंथर (Panther) के लगातार मूवमेंट से ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है. वहीं, ग्रामीण भी हाथों में लठ, कुल्हाड़ी और अन्य हथियार लेकर प्रशासन के साथ मुस्तैद हैं. पिछले 11 दिनों में पैंथर 8 लोगों को शिकार बना चुका है. जिसके बाद सरकार ने भी तेंदुए को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए जा चुके हैं. राजस्थान सरकार में वन मंत्री संजय शर्मा ने कहा था कि आदमखोर तेंदुए को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है. अगर, वह पकड़ में नहीं आता है तो उसको शूट एट साइट करने के आदेश भी दिए जा सकते हैं. जिसके बाद रणथंभौर, जोधपुर और उदयपुर से गोगुंदा में कई शूटर बुलाए गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुए कई बार जानवरों का शिकार करते हैं, लेकिन इस तरह से इंसानों पर कभी हमला नहीं किया. वे खुले में खुलेआम घूमते थे, लेकिन ऐसा पहली बार है कि वे लगातार इंसानों पर हमला कर रहे हैं. तेंदुए के कारण होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या के कारण गांव छावनी में तब्दील हो गया है. डर का माहौल ऐसा है कि अंधेरा होने के बाद कोई भी अपने घर से बाहर निकलने की नहीं सोचता. तेंदुए की मौजूदगी की जरा सी भी आहट होते ही गांव में चीखने-चिल्लाने की आवाजें आने लगती हैं.