समस्त विश्व में अक्टूबर महिने के प्रथम सप्ताह में वन्यजीव दिवस सप्ताह के रूप मे मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व मे वन्यजीव दिवस की थीम होगी " लोगों को जोडना,  वन्यजीव संरक्षण मे डिजिटल नवाचार की खोज " इस थीम का उद्देश्य वन्यजीव संरक्षण के डिजिटल युग मे एक साझा टिकाऊ भविष्य की ओर देखना है।
  वन्यजीव सरंक्षण सप्ताह के  सन्दर्भ मे हमे पर्यावरण के महत्व ओर वन्यजीवों की सुरक्षा के बारे मे जागरूक करना है। वन्यजीव सप्ताह मनाने का उद्देश्य लोगो को वन्य जीवन के बारे मे शिक्षित करना ओर उन्हें वन्यजीव संरक्षण के महत्व के बारे मे जागरूक करना है।
   वन्यजीव संरक्षण के लिए निम्नलिखित कदम उठाये जा सकते है:-
1. वन प्रबन्धन -  वनों की कटाई को रोकने के ओर वनों के संरक्षण के लिऐ उपयुक्त ठोस नीतियां बनानी चाहिए तथा उन पर सत्ययता के साथ अमल भी करवाऐ जाने की आवश्यकता है।
2. सार्वजनिक सहकारिता और जागरूकता- लोगो को वन्यजीव संरक्षण के महत्व के बारे मे जागरूक करना अपेक्षित है। इसके साथ ही वन्यजीव संरक्षण में भाग लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
3. वन शिक्षा- वन और पर्यावरण मंत्रालय के अघीन वन शिक्षा निदेशालय को वन अधिकारियों ओर क्षैत्रीय वन अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ साथ जागरूक नागरिकों के लिए अधिक से अधिक संख्या में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए।
4. समन्वय स्थापित करना : राजकीय सेवा मे वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को वन्यजीव संरक्षक के लिऐ आम जनता के साथ समन्वय स्थापित कर आम जनता को संरक्षण हेतु प्रोत्साहित करना चाहिए।
5.  जागरूकता से ही संरक्षण संभव :- वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को इस क्षैत्र मे सतत आम जनता से समन्वय बनाकर जागरूकता फैलाने से वन्यजीवों की सुरक्षा व संरक्षण के क्षैत्र मे प्रगति होना पूर्णतया संभव है।
        इन सभी बिन्दुओं को उठाकर हम वन्यजीवों की सुरक्षा कर सकते है ओर पर्यावरण को शुद्ध, साफ सुथरा रख सकते है।
       राजस्थान वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के निर्देशानुसार समस्त जिलो में वन्यजीव सप्ताह, 2024 के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर सप्ताह मनाया जा रहा है। बूंदी जिले के उप वन सरंक्षक एवं उपक्षैत्र निदेशक ( कोर ) रागढ विषधारी टाईगर रिजर्व, बूंदी द्वारा आदेश क्रमांक: 3242-55 दिनांक 26.09.2024 से आदेश जारी कर 02अक्टूबर से 08 अक्टूबर, 2024 तक वन्यजीव सप्ताह को मनाये जाने बाबत आदेश प्रसारित किया गया है। आदेशानुसार पृथक पृथक दिनों मे पृथक पृथक स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किये जावेगे। प्रसारित आदेशानुसार निर्धारित संख्या में बच्चों को प्रातःकाल केन्टर वाहन द्वारा जंगल भ्रमण के साथ साथ वन एवं वन्यजीव संरक्षण की जानकारी देना एवं जागरूकता पैदा करना रहेगा। इसके अलावा विद्यालयों में स्कूली बच्चों से चित्रकला, निबन्ध एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन होगा। दादू पर्यावरण संरक्षण संस्थान, रानीपुरा पोस्ट उनियारा जिला टोंक द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से स्थानीय ग्रामीणों एवं बच्चों को वन्यजीव संरक्षण की जानकारी देकर जागरूकता पैदा करने का प्रयास किया जावेगा।
   सप्ताह के अन्त में जिले मे पदस्थापित अधिकारियों, मीडिया ( पत्रकारों ) एवं गणमान्य वन्यजीव प्रेमियों को भी केन्टर वाहन द्वारा जंगल भ्रमण के साथ साथ वन एवं वन्यजीव संरक्षण की सभी को जानकारी प्रदान की जावेगी। अन्तिम दिन वन विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं जिला स्तरीय अधिकारियों, स्वंयमसेवी संस्था, मीडिया कर्मियों एवं स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ पुरस्कार वितरण , वन्यजीव विषय पर विचार एवं चर्चा के साथ वन्यजीव सप्ताह, 2024 का समापन करेगे।
     वन्यजीवों के प्रति संरक्षण वनों के प्रति जागरूकता ऐसे आयोजन प्रतिवर्ष आयोजित किये जा रहे है। उच्चाधिकारियों के आदेश की पालना के अन्तर्गत एक सप्ताह तक पृथक पृथक जगह से बच्चो का जंगल भ्रमण, अधिकारियों सहित अन्य का भ्रमण, बच्चों मे प्रतियोगिता के माध्यम से संरक्षण बाबत संदेश देना बहुत ही अच्छा कार्य है। ऐसे कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार का अभाव, आम जनता को जोडने बाबत प्रयास न के बराबर होते है। जिसकी वजह से ऐसे कार्यक्रम राजकीय अधिकारियों, कर्मचारियों तक ही सीमित रह जाता है। जब तक आम जनता को जोडने के प्रयास नही किये जाऐगे तब तक ऐसे कार्यक्रमों की सफलता में आवश्यकता के अनुरूप उपलब्धि हासिल नही हो पाऐगी। सम्बंधित विभाग को ऐसे सप्ताह मनाऐ जाने से पूर्व व्यापक प्रचार प्रसार ,सम्पर्क का समन्वय बेठानें से कार्यक्रमों की उपादेयता बढ जाती है।
मूलचंद शर्मा, तलवास, बूंदी।

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