कर्नाटक के मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) जमीन घोटाला मामले में मैसूर लोकायुक्त ने मंगलवार, 1 अक्टूबर से जांच शुरू कर दी। लोकायुक्त ने 27 सितंबर को राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, साले और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की थी।ED ने 30 सितंबर को सभी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। आरोप है कि MUDA ने मैसूर शहर के प्रमुख स्थान पर कर्नाटक के CM सिद्धारमैया की पत्नी को अवैध रूप से 14 साइटें आवंटित की थीं।दूसरी तरफ, सिद्धारमैया की पत्नी बीएन पार्वती ने MUDA को 14 विवादित प्लॉट वापस लौटाने का फैसला किया है। पार्वती ने MUDA कमिश्नर को लेटर लिखा, 'मुझे कसाबा होबली के केसारे गांव में मेरे 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन के बदले मैसूर में विजयनगर के तीसरे और चौथे फेज में 14 वैकल्पिक प्लॉट आवंटित किए गए थे। मैं सेल डीड कैंसिल करके 14 साइटों को वापस करना चाहती हूं।'CM कार्यालय की तरफ से 30 सितंबर की देर रात पार्वती का MUDA कमिश्नर को लिखा लेटर शेयर किया गया। सिद्धारमैया ने X पर पोस्ट में कहा, 'मेरे खिलाफ चल रहे राजनीतिक षडयंत्र से परेशान मेरी पत्नी ने MUDA को प्लॉट वापस करने का फैसला लिया है, जिससे मैं भी हैरान हूं।'CM सिद्धारमैया की पत्नी ने MUDA कमिश्नर को लेटर में लिखा, 'कुछ लोग पूछ सकते हैं कि इस समय ऐसा फैसला क्यों लिया? मैंने यह फैसला उसी दिन लिया था जिस दिन आरोप लगे थे। चूंकि MUDA प्लॉट आवंटन के संबंध में आरोप राजनीति से प्रेरित थे, इसलिए कुछ शुभचिंतकों ने सलाह दी कि हमें इस अन्याय के खिलाफ लड़ना चाहिए और उनकी योजनाओं का शिकार नहीं बनना चाहिए।इसलिए मैं शुरू में प्लॉट वापस करने से पीछे हट गई। मैं सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और मीडिया के सदस्यों से अपील करती हूं। कृपया राजनीतिक परिवारों की महिलाओं को विवाद में न घसीटें। उन्हें राजनीतिक विवादों में शामिल करके उनकी गरिमा और सम्मान को नुकसान न पहुंचाएं।'