ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज हुई आईसी 814 कंधार हाईजैक इन दिनों चर्चा में है। इसको लेकर पूर्व विदेश मंत्री जसवंतसिंह के बेटे एवं पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह ने एक साक्षात्कार में कहा कि दुबई ने यदि ऑपरेशन करने की इजाजत दी होती तो विमान से यात्रियों को वहीं आजाद कर लिया जाता। दुबई से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला जबकि वहां सबसे अच्छा अवसर था।मानवेन्द्र ने कहा कि दुबई से पहले आतंकियों के पास में हथियार नहीं कटर थे। बाद में यात्रियों ने हथियार देखे। मानवेन्द्र ने इन आरोपों को भी निराधार बताया कि रुपए देने को लेकर कोई बात हुई थी। विदेश मंत्री जसवंत सिंह जब विमान के यात्रियों को छुड़वाने के लिए गए तो उनके पास कोई लाल सूटकेस नहीं था। मैं खुद उनको छोड़ने गया था, अमूमन वे अपने साथ एक बैग रखते थे जिसमें माला और पूजा की सामग्री रहती थी । उस समय उनके साथ नहीं थी। आतंकवादियों को रिहा करने की पहली सूची 105- 107 की थी। वार्ता के बाद यह बहुत कम की गई। इसमें भी नंबर वन नाम नसरूला का था।बताया कि दुबई में जब अपहृत विमान आसमान में था, तब भारतीय विमान भी पहुंचने वाला था। दुबई ने इजाजत नहीं दी, वरना ऑपरेशन करके वहीं पर लोगों को आजाद कर लिया जाता । इटीसी के पास फोन आया कि विमान मत रोकना। बाद में पता चला कि यह कॉल पेरिस से आया था।

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