कोटा। अवैध खनन से बिजली के तार (ओएचई ) टूटने के मामले में रामगंजमंडी आरपीएफ में देवा भड़क सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आरपीएफ ने सभी को जमानत पर रिहा कर दिया।सूत्रों ने बताया कि मामले में आरपीएफ द्वारा अब चालान पेश करने की तैयारी की जा रही है। आरपीएफ कि यह कार्रवाई 24 सितंबर की बताई जा रही है। लेकिन चार दिन बाद भी आरपीएफ ने इस खबर की पुष्टि नहीं की है। मामले को लेकर पोस्ट इंचार्ज और जांच अधिकारी की केएस रावत, सहायक मंडल सुरक्षा आयुक्त बीके मीणा, वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त नवीन कुमार तथा आईजी राजीव यादव तक ने मामले की जानकारी देना जरूरी नहीं समझा।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि 12 सितंबर को कोटा-रामगंजमंडी रेलखंड स्थित आलनिया और रांवठा रोड स्टेशनों के बीच ओएचई टूट गई थी। इस घटना में करीब 4 घंटे तक रेल संचालन ठप रहा था और डेढ़ दर्जन से अधिक गाड़ियां मौके पर ही खड़ी हो गई थीं। गनमत रही थी की घटना के समय मौके से कोई गाड़ी नहीं गुजर रही थी, अन्यथा बड़ा हादसा भी हो सकता था।
मामले में तब आरपीएफ ने बताया था कि रेल लाइन के पास अवैध खनन के चलते विस्फोट से उड़े पत्थर लगने से ओएचई टूटी है। यहीं पर पास में अवैध क्रैशर भी संचालित हो रहा है। इसी क्रैशर के लिए यहां पर बिना किसी की अनुमति के विस्फोट कर अवैध खनन किया था बाद रहा था। इसके बाद आरपीएफ ने ओएचई तोड़ने के आरोप में अवैध खनन और क्रैशर चलाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इनमें देवा भड़क और लक्ष्मण हाडा सहित दो अन्य लोग भी शामिल थे।
लंबे समय से अवैध कारोबार
उल्लेखनीय है कि देवा का राजनीतिक प्रभाव है। संभवतः यही कारण है कि यहां पर लंबे समय से अवैध खनन और क्रेशर चल रहा है। बिना किसी अनुमति के खुले आम विस्फोटक सामग्री का उपयोग किया जा रहा है।