भारत सरकार ने लेबनान में जंग जैसे हालातों को लेकर नई एडवाइजरी जारी की है। बेरूत स्थित भारतीय दूतावास ने यहां रह रहे भारतीय नागरिकों से तुरंत देश छोड़कर जाने को कहा है। वहीं, लोगों को बेहद सतर्क रहने की भी सलाह दी गई है। दो महीने पहले दूतावास ने लोगों को वहां जाने से भी मना किया था।लेबनान और इजराइल के बीच हो रहे हमले पिछले 8 दिनों में बढ़े हैं। इनमें 700 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इजराइली सेना लेबनान में घुसपैठ की तैयारी कर रही है। ऐसे में मिडिल ईस्ट में एक और जंग का खतरा मंडरा रहा है।CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल के मिलिट्री चीफ हर्जई हालेवी ने बुधवार को कहा कि लेबनान में उनके हवाई हमलों का मकसद हिजबुल्लाह के बुनियादी ढांचे को नष्ट करना और जमीनी घुसपैठ का रास्ता तलाशना है।हालेवी ने कहा कि इजराइली सेना, हिजबुल्लाह के इलाके में घुसेगी और उनकी सैन्य चौकियों को बर्बाद करेगी। तब उन्हें पता चलेगा कि इजराइली सेना का सामना करने का क्या मतलब होता है। उन्होंने कहा कि हिजबुल्लाह के हमलों के वजह से इजराइल के लोगों को घर छोड़ना पड़ा था। अब वे अपने घर लौट पाएंगे। अमेरिका और फ्रांस ने इजराइल-लेबनान जंग को रोकने के लिए बुधवार को 21 दिन के सीजफायर की मांग की। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में इस जंग को लेकर एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई थी। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जंग रोकने को लेकर बातचीत की जाएगी।ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, सऊदी अरब, UAE, कतर समेत कई यूरोपीय देशों ने सीजफायर की मांग का समर्थन किया। बैठक में फ्रांस ने कहा कि लेबनान में हो रही जंग को रोकना जरूरी है, वर्ना इससे मिडिल ईस्ट में जंग और बढ़ सकती है। कूटनीति से इसे रोका जा सकता है।​​​

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