तीन घंटे चला हाई वोल्टेज ड्रामा , उसके बाद उठी छात्राएं ग्राउंड से फिर शुरू हुए मैच

मैच नही खिलाने से नाराज थी कोटा सोफिया स्कूल की छात्राएं , सीबीईओ की समझाइश के बाद उठी

इटावा

इटावा में बालीबॉल की 68 वी जिला स्तरीय प्रतियोगिता 17 व 19 वर्ष आयु वर्ग की प्रतियोगिता के आयोजन में मंगलवार को करीब तीन घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला और मैच नही हो सके था तथा निर्णायक मंडल के सदस्य समझाइश करते रहे लेकिन कोटा सोफिया स्कूल की छात्राओ की टीम मैच खेलने के लिए मैदान पर बैठ गई । काफी देर तक जद्दोजहद के बाद भी करीब तीन घंटे तक हंगामा चलता रहा। जिसके बाद इटावा मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी इंदु हाड़ा व एसीबीईओ आनंदीलाल मीना पहुंचे जिन्होंने कोच से व छात्राओं से बात की ओर करीब आधे घंटे तक समझाइश की जिसके बाद छात्राएं मैदान से उठी जिसके बाद मैच शुरू हो सके। 

यह था पूरा मामला

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इटावा में जिला स्तरीय बालीबॉल 17 व 19 वर्ष की प्रतियोगिता का आयोजन 23 सितंबर से हो रहा है। इसमें लगभग 18 टीमों को भाग लेना था लेकिन सोमवार को कोटा सोफिया स्कूल की टीम नही पहुंची तो बाहर कर दिया। जिसके बाद कोच रेखा के साथ टीम मंगलवार को पहुंची और मैच कराने की बात की। इसके बाद निर्णायक मंडल की अध्यक्ष योगिता गुर्जर ने टीम को सोमवार को नही आने पर प्रतियोगिता से बाहर करने की जानकारी दी। इसके बाद छात्राएं नाराज हो गई और मैदान में बैठ गई । जिससे मैच नही हो सके। लगभग तीन घंटे तक यह मामला चला इसके बाद इटावा सीबीईओ इंदु हाड़ा पहुंची उन्होंने मामले की जानकारी ली तो 23 सितंबर को छात्राएं नागोर में प्रतियोगिता में भाग लेकर लौटी थी। इसके कारण नही आ सकी । सोफिया स्कूल की कोच रेखा ने बताया की उन्होंने जानकारी निर्णायक मंडल और प्रतियोगिता सयोजक को दे दी थी और उनके कहने पर ही टीम लेकर आई है। इसके बाद नियमो का हवाला देते हुए समझाइश की जिसके बाद छात्राएं वहा से उठी और मैच शुरू हो सके।

इस दौरान नही हो सके मैच टीमें रही परेशान

इस दौरान मैच नही हो सके जिसके चलते जिन टीमों के मैच होने थे वह टीम की खिलाड़ियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालाकि फिर जब समझाइश के बाद छात्राएं हटी तो उसके बाद मैच कराए गए। 

मुझ पर खिलाने के लिए काफी दबाव आया

जिला स्तरीय बालिका बालीबॉल प्रतियोगिता की निर्णायक मंडल की संयोजक योगिता गुर्जर ने बताया की उन्होंने टीम कोच को नियमो का हवाला दे दिया था। क्योंकि टीम 23 सितंबर को नागोर में प्रतियोगिता खेली थी। जबकि उसको यहां उपस्थित होना था। जब उनको बाहर करने की सूचना दी तो उनके पास मोबाइल पर दबाव बनाने के लिए फोन आए। और धमकियां दी गई। लेकिन हमे ऊपर से निर्देश मिलते तो हमे क्या परेशानी थी। क्योंकि सभी टीमों को पता था की प्रतियोगिता के शुरुआत में वहा पहुंचना जरूरी है। 

छात्राओं को कुछ गलत फहमी हो गई थी जिसकी समझाइश कर दी

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इटावा सीबीईओ इंदु हाड़ा ने बताया की इनकी टीम सीबीएससी के ट्रॉनामेंट खेलने नागोर गई थी जो 23 सितंबर को यहां भाग नही ले सकी। इसके बाद निर्णायक मंडल ने इनको वाक आउट कर दिया था । यह मंगलवार को पहुंचे थे मेने पहुंचकर कोच और छात्राओं से समझाइश कर दी है। अब वापस मैच शुरू हो गए है।