मंडाना।21 सितम्बर 2024 को केडीए (कोटा विकास प्राधिकरण) के अधिकारियों द्वारा बूंदी जिले के तुलसी गांव में पूर्व नरेश सूरजमल हाडा जी की छतरी को ध्वस्त किये जाने पर कोटा महाराव इज्यराज सिंह जी ने इस संबंध में संभागीय आयुक्त एवं जिला कलक्टर कोटा एसे बात की ।
उन्होंने कहा कि तुलसी गांव स्थित पूजनीय राव सूरजमल जी (1527-1531) बून्दी की 500 वर्ष पुरानी छतरी के प्रति पूरे क्षेत्र में विशेष आस्था है। ग्रामीण और क्षत्रिय राजपूत समाज सहित अन्य लोग इससे काफी आहत हुए हैं, जो हुआ वह गलत हुआ है। वह बूंदी और कोटा के संस्थापक परिवारों में से थे। वह बूंदी राज्य के 9 वे शासक थे और बूंदी राज्य के 8 वे शासक राव नारायणदास जी के सबसे बडे पुत्र थे। ग्रामीणों द्वारा राव सूरजमल को आराध्य मानकर उनकी छतरी पर 500 वर्षो से पूजा कर रहे है। उन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए बहुत कुछ किया है यहां तक कि अपना जीवन भी बलिदान कर दिया था। उन्होंने घायलावस्था में भी रतन सिंह पर कटार से प्रहार कर उनका वध किया और उनके साथी सैनिकों को मारकर स्वयं भी वीरगति को प्राप्त हुए। महाराव इज्यराज सिंह ने जिला कलक्टर से मांग की कि छतरी को उचित रूप से पुनः निर्माण करवाया जाए। इस पर जिला कलक्टर ने कहा कि पूजनीय राव सूरजमल जी की छतरी के महत्व के बारे में उन्हें पता नहीं था अनभिज्ञता के चलते छतरी को ध्वस्त कर दिया गया है। उन्होंने इसके पुनर्निर्माण का वादा किया है।