टीम जीवन दाता द्वारा लोगों की डेंगू व अन्य परिस्थितियों में लोगों को निरंतर एसडीपी उपलब्ध कराई जा रही है, ऐसे में कोटा के बाहर से आए मरीज पंकज की तबीयत बेहद खराब थी पिता परमानंद परेशान हो रहे थे चिकित्सक ने एसडीपी के लिए कहा लेकिन उनके साथ कोई डोनर नहीं था ऐसे में डॉ. अर्पित ने भुवनेश गुप्ता को कॉल किया और एसडीपी के लिए कहा। टीम जीवनदाता के संरक्षक व संयोजक भुवनेश गुप्ता ने बताया कि टीम जीवन दाता ने अपने प्रयास शुरू किए और हमेशा की तरह ही मैसेज वायरल किए गए और कॉल किए गए, ऐसे में गितेश सिंह सिसोदिया जो कि आरसीसी निर्माण का कार्य करते हैं इन्हें कॉल किया तो इनका छत डालने का कार्य चल रहा था लेकिन जब उन्हें मरीज की गंभीर स्थिति से अवगत कराया तो यह कार्य को बीच में छोड़ने सीधे अपना ब्लड सेंटर तलवंडी पहुंचे और इन्होंने 46 भी बार ए पॉजीटिव एसडीपी डोनेट की। यह है इससे पूर्व 10 बार ब्लड डोनेशन कर चुके हैं। गितेश के भाई रितेश भी निरंतर ब्लड डोनेशन व एसडीपी डोनेट करते हैं, यह दोनों ही इन्दर सिंह जो इनके पारिवारिक सदस्य हैं की प्रेरणा से निरंतर सामाजिक सरोकारों से जुड़ते चले आ रहे हैं और निरंतर लोगों की मदद कर रहे हैं।