पश्चिम बंगाल-झारखंड बॉर्डर करीब 24 घंटे बंद रहने के बाद अंतरराज्यीय व्यापार के लिए ट्रकों की आवाजाही के लिए फिर से खोल दी गई है। 19 सितंबर को ममता ने दामोदर घाटी निगम पर बाढ़ के आरोप लगाने के बाद इसे 3 दिन तक बंद करने का आदेश दिया था। जिसके कारण NH-2 और NH-6 पर ट्रकों की 20 से 25 किमी लंबी लाइन लग गई थी।ममता के आदेश के बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने स्पष्टीकरण मांगा था। इससे पहले बोस ने CM ममता को लेटर लिखकर सलाह दी थी कि वे अपनी ड्यूटी करें, डीवीसी को बाढ़ के लिए दोषी न ठहराएं।बोस ने यह भी कहा था कि बांकुरा, बीरभूम, मेदिनीपुर दामोदर घाटी में नहीं आते हैं। वहां बाढ़ का कारण कंगसाबती, सिलाबती और द्वारकेश्वर नदी इलाके में हुई भारी बारिश है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 19 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्‌ठी लिखी थी। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के तहत आने वाले बांधों से 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण बंगाल में बाढ़ आई है।ममता ने कहा, 'मानव निर्मित बाढ़ से राज्य के 50 लाख से ज्यादा लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। अगर लापरवाही जारी रही, तो राज्य निगम के साथ सभी संबंध तोड़ देगा। यह मानव निर्मित बाढ़ है, जो 2009 के बाद से दामोदर नदी में आई सबसे भयानक बाढ़ है।'

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