आज भी प्रासंगिक है लोक माता अहिल्याबाई का जीवन वृत्त - पन्ना लाल।
बूंदी। राजकीय महाविद्यालय, बूंदी में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की स्थानीय इकाई की ओर से राजमाता अहिल्याबाई होल्कर के 300 वें जन्म जयंती वर्ष का समारोह पूर्वक आयोजन किया गया। समारोह में मुख्य वक्ता एवं मुख्य अतिथि के रूप में कोटा विभाग के संघ संचालक पन्नालाल रहे तथा अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अनीता यादव ने की।
एवीआरएसएम बूंदी जिला सचिव डॉ आशुतोष बिरला ने विषय प्रवर्तन करते हुए बताया कि राजमाता अहिल्याबाई होल्कर भारत की उन महिला शासिकाओं में से एक थी जिन्होंने भारतीय संस्कृति की पुनर्स्थापना और पुनर्निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान दिया। उन्होंने बताया कि भारतीय जनमानस में स्व की भावना को जागृत करना अनिवार्य है ताकि भारतीय संस्कृति को सुरक्षित रखा जा सके।
मुख्य वक्ता के रूप में संघ संचालक पन्ना लाल नें अपने विचार व्यक्त करते हुए राजमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि लोक माता अहिल्याबाई होल्कर का प्रारंभिक जीवन अत्यंत संघर्ष पूर्ण रहा। उनके माता-पिता तथा पति का देहांत उनकी अल्पायु में ही हो गया। किंतु उसके पश्चात भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने जीवन को एक नई दिशा की ओर मोड़ा। वे न केवल एक लोकप्रिय शासिका थी वरन एक न्याय प्रिय महिला भी थी। उन्होंने सभी विद्यार्थियों से राज माता अहिल्याबाई होलकर के जीवन से प्रेरणा लेने की सीख देते हुए कहा कि हमारे जीवन में कितनी भी कठिनाई आ जाऐ , किंतु हमें संघर्ष का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अनिता यादव ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि राजमाता अहिल्याबाई होल्कर के जीवन से प्रेरणा लेनी की बात कही। कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ संकाय सदस्य व एवीआरएसएम बूंदी जिला उपाध्यक्ष प्रोफेसर पी सी उपाध्याय द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम का संचालन इकाई सह सचिव हेमलता टांक ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी संकाय सदस्य, एनसीसी, एनएसएस स्काउट प्रभारी तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।