केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा नाबालिगों के लिए लॉन्च की गई एनपीएस वात्सल्य योजना ने बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। इस योजना के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया, कोटा ने एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया।

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कार्यक्रम में बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक ने इस बात पर जोर दिया कि एनपीएस वात्सल्य भारत की पेंशन प्रणाली में एक क्रांतिकारी बदलाव है। यह योजना बच्चों के लिए समय से बचत करने और उनके भविष्य को सुरक्षित करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है। पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) इस योजना के प्रशासन की देखरेख करेगा।

एनपीएस वात्सल्य खाता कैसे खोलें:

एनपीएस वात्सल्य खाता विभिन्न पॉइंट्स ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) के माध्यम से खोला जा सकता है, जिसमें प्रमुख बैंक, इंडिया पोस्ट, पेंशन फंड और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (ई-एनपीएस) शामिल हैं।

योजना के लिए पात्रता: यह योजना नाबालिग बच्चों के लिए है। माता-पिता या अभिभावक बच्चे के नाम पर एनपीएस खाते में तब तक योगदान कर सकते हैं जब तक कि वे 18 वर्ष की आयु तक नहीं पहुँच जाते।

खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज: अभिभावक का केवाईसी: पहचान और पते का प्रमाण (आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि)

नाबालिग की जन्मतिथि का प्रमाण (जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र आदि), पैन कार्ड (यदि उपलब्ध हो), पासपोर्ट साइज़ फोटो

निवेश:इस खाते में न्यूनतम 1000 रुपये प्रति माह जमा करना होगा।अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। निवेशक तीन प्रकार के निवेश विकल्पों में से चुन सकते हैं:

1.फर्स्ट डिफ़ॉल्ट चॉइस,2.सेकंड ऑटो चॉइस,3.थर्ड एक्टिव चॉइस

पैसे निकालने की सुविधा: एनपीएस वात्सल्य योजना के तहत खाता खुलवाने की तारीख से 3 साल बाद बच्चे के नाम पर खुले खाते में जमा कुल रकम का 25% हिस्सा निकालने की अनुमति होगी। हालांकि, बच्चे के 18 साल का होने से पहले भी माता-पिता या अभिभावक पैसे निकाल सकते हैं।