कोटा. कनवास क्षेत्र के महाराणा प्रताप बीएड कॉलेज दरा में चल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कनवास खंड के तीन दिवसीय प्रारंभिक शिक्षा वर्ग का समापन हुआ। कनवास खंड कार्यवाह सुरेश गोचर ने बताया कि यह वर्ग दिनांक 13 सितंबर सायं से प्रारंभ हुआ था। इस वर्ग में कनवास खंड के 16 स्थानों से 51 शिक्षार्थियों ने भाग लिया। वर्ग में शिक्षार्थियों को शारीरिक व बौद्धिक गतिविधियों को सिखाने हेतु 12 शिक्षक व वर्ग की सम्पूर्ण व्यवस्था देखने हेतु वर्ग टोली के सदस्य व प्रबधंक उपस्थित रहे।यह वर्ग में स्वयंसेवकों को संघ की प्राथमिक जानकारी प्रदान की गई। वर्ग में शारीरिक विकास के अन्तर्गत नियुद्ध ,दंड संचालन, पदविन्यास, संचलन अभ्यास ,समता व खेल सिखाये गये। बौद्धिक विकास के अन्तर्गत ब्रह्मनाद, एकात्मता स्तोत्रम् ,एकात्मता मंत्र,पंचांग, प्रार्थना, चर्चा, व योगनिद्रा का अभ्यास करवाया गया। संघ के वर्ग स्वयंसेवकों में अनुशासन, आपसी सहयोग ,राष्ट्रभक्ति की भावना, मातृभूमि के प्रति कर्तव्य व सुसंस्कार व आदर्श नागरिक का भाव पैदा करता है। रात्रिकालीन सत्र में शिक्षार्थियों के द्वारा प्रतिभा प्रकटीकरण व अन्त्याक्षरी कार्यक्रम किया गया। इस वर्ग के समापन कार्यक्रम में हिंदू संस्कृति की विशेषताएं विषय पर सह खंड कार्यवाह भरत मालव का बौद्धिक रहा। बताया कि हिंदू संस्कृति बहुत प्राचीन संस्कृति है विश्व की अनेक संस्कृतियां नष्ट हो गई किन्तु हिन्दु संस्कृति भारत में विभिन्न भाषागत भिन्नता, विभिन्न उत्सव व परम्पराएं होने के बावजूद हमें एक सूत्र में पिरोए रखती है। हिन्दु संस्कृति के महापुरुषों मर्यादा पुरुषोत्तम राम , श्रीकृष्ण, स्वामी विवेकानंद जी का उदाहरण दिया गया। हमारी संस्कृति को बचाने वाले महाराणा प्रताप व शिवाजी महाराज के बलिदान के बारे में बताया गया। हिन्दु संस्कृति की संयुक्त परिवार में रहने वाली प्रथा का महत्त्व बताया और वर्ग में वर्ग पालक लालचंद सुमन व वर्ग कार्यवाह सुनील अग्रवाल उपस्थित रहे।