केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार (16 सितंबर) को जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं। उन्हें यहां तीन सभाओं को संबोधित करना है। उन्होंने अपनी पहली पाड्डर के नागसेनी में की।उन्होंने कहा कि घाटी में जब-जब नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस की सरकार बनी, तब-तब यहां आतंकवाद को बढ़ावा मिला। दोनों पार्टियां कहती है कि उनकी सरकार आई तो अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करेंगे। क्या अनुच्छेद 370 वापस होना चाहिए?शाह ने कहा- अनुच्छेद 370 अब इतिहास का हिस्सा बन चुका है। भारत के संविधान में अनुच्छेद 370 के लिए कोई जगह नहीं है। कश्मीर में कभी भी दो प्रधानमंत्री, दो संविधान और दो झंडे नहीं हो सकते। वहां केवल एक झंडा होगा और वह हमारा तिरंगा है।पहाड़ी और गुर्जर भाइयों को जो आरक्षण मिलता है, अनुच्छेद 370 बहाल होने पर वह नहीं मिल पाएगा, लेकिन मैं कश्मीर का माहौल देख रहा हूं। न तो फारूक अब्दुल्ला और न ही राहुल गांधी यहां सरकार बना रहे हैं। हमने विभाजन के दिन देखे, 1990 में आतंकवाद के दिन देखे, चंद्रिका शर्मा हों या परिहार बंधु हों... सभी ने कुर्बानियां दीं। मैं आज इस क्षेत्र सहित जम्मू-कश्मीर की जनता से वादा करता हूं कि हम आतंकवाद को इतना नीचे दफन करेंगे कि कभी बाहर नहीं आ पाएगा।