जो आदमी चुनाव नहीं हारता है और जनता उसे नहीं हराती है, उसे 'अमर बकरे' की उपाधि दी जाती है. कुछ ऐसा ही वाक्य खींवसर के उपचुनाव को लेकर चल रही मीटिंग के दौरान भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व सांसद डॉक्टर ज्योति मिर्धा के चाचा रिछपाल मिर्धा ने हनुमान बेनीवाल के लिए. वहां मौजूद किसी ने रिछपाल मिर्धा से पूछा कि अगर इस बार हनुमान बेनीवाल चुनाव नहीं हारते हैं तो आप लोग क्या करोगे? इस पर रिछपाल मिर्धा बोले, 'मैं उसे अमर बकरे की उपाधि दूंगा. क्योंकि फिर वह अमर हो जाएगा. अब यह जनता के हाथ में है कि उसको अमर रखना है या क्या करना है. अमर बकरा उसे कहते हैं जो गांव में घूमता है, बड़ा लंबा तगड़ा होता है और उसके कानों में सोने की बालियां भी होती हैं. अब जनता बाजार से वह बालियां लाकर उसके कानों में पहनाएगी या नहीं, यह देखने वाली बात होगी. अब सब जनता के हाथ में है. मैं कैसे बता सकता हूं, उसको अमर रखना है या नहीं रखना है? जनता ही उसको कुड़क डालेगी, मंदिर छोड़ेगी या कांकड़ में, यह जनता का निर्णय होगा.' रिछपाल मिर्धा ने आगे कहा, 'मैं पार्टी को चुनौती नहीं दे रहा हूं. मैं तो पार्टी को सावचेत कर रहा हूं. अगर पार्टी के अंदर ही भीतर घात होगा और पार्टी के ही आदमी एक नहीं रहेंगे. पार्टी के आदमी और कार्यकर्ता अगर टिकट बंटवारे को लेकर झगड़ा नहीं करेंगे, सभी को जागते रहोगे, तो इस बार चुनाव के नतीजे अलग हो सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो मैं दावे से कह सकता हूं कि इस बार भाजपा ही जीतेगी.'