अमेरिका और चीन के बीच चल रही तनातनी से भारत पर असर हो सकता है। अमेरिकी ने चीन से आने वाली कुछ चीजों पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है। इस टैरिफ के लागू होने से पहले चीन अपना ज्यादा से ज्यादा सामान अमेरिकी बाजारों में भेजना चाहता है। इसलिए खाली कंटेनर चीन भेजे जा रहे हैं। इससे भारत में कंटेनर की भारी कमी हो गई है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि कमजोर वैश्विक मांग के बीच अगस्त और सितंबर में भारत के एक्सपोर्ट में गिरावट देखने को मिल सकती है। इसकी वजह यह है कि निर्यातकों को अपना माल भेजने के लिए कंटेनर नहीं मिल रहे हैं।Plus

बिजनेस न्यूज

बिजनेस

भारत

राज्य

लाइफस्टाइल

धर्म

खेल

मनोरंजन

दुनिया

टेक

शिक्षा

वीडियो

विधानसभा चुनाव

यूएस न्यूज़

स्पीकिंग ट्री

अपना बाजार

टॉप रेटेड प्रोडक्ट्स

विचार

यात्रा

विजुअल स्टोरीज़

वेब सीरीज

टीवी

मोदी 3.0

फोटो धमाल

ईपेपर

मौसम

ब्रीफ

फाइनेंशियल लिटरेसी

रीजनल सिनेमा

लेटेस्ट न्यूज

फैक्ट-चेक

Hindi NewsBusinessBusiness newsContainer Shortage May Impact India's Export Know The Reason

धड़ाधड़ चीन जा रहे हैं खाली कंटेनर, भारत में पड़ गया भारी अकाल, आखिर क्या है माजरा?

अमेरिका ने चीन के कई उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाया है। इसे चरणबद्ध तरीके से 2026 तक लागू किया जाना है। लेकिन अमेरिका के इस कदम से भारत में कंटेनर की भारी कमी हो गई है। जानिए आखिर क्या है मामला...

Authored bySidhartha | Edited byदिल प्रकाश | टाइम्स न्यूज नेटवर्क 12 Sep 2024, 10:20 am

फॉलो करे

हाइलाइट्स

अमेरिका ने चीन के गुड्स पर लगाया भारी टैरिफ

इसे चरणबद्ध तरीके से 2026 तक लागू होना है

चीन उससे पहले अपना माल खपाना चाहता है

नवभारतटाइम्स.कॉम

Indian Export

सरकार इस फाइनेंशियल ईयर में एक्सपोर्ट के पॉजिटिव रहने की उम्मीद जता रही है।

नई दिल्ली: अमेरिका और चीन के बीच चल रही तनातनी से भारत पर असर हो सकता है। अमेरिकी ने चीन से आने वाली कुछ चीजों पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है। इस टैरिफ के लागू होने से पहले चीन अपना ज्यादा से ज्यादा सामान अमेरिकी बाजारों में भेजना चाहता है। इसलिए खाली कंटेनर चीन भेजे जा रहे हैं। इससे भारत में कंटेनर की भारी कमी हो गई है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि कमजोर वैश्विक मांग के बीच अगस्त और सितंबर में भारत के एक्सपोर्ट में गिरावट देखने को मिल सकती है। इसकी वजह यह है कि निर्यातकों को अपना माल भेजने के लिए कंटेनर नहीं मिल रहे हैं।

अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने चीन की कई वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की है। इनमें स्टील से लेकर सौलर सेल, लिथियम आयन बैटरी और उनके पुर्जे, इलेक्ट्रिक वीकल और मेडिकल प्रॉडक्ट्स शामिल हैं। इस टैरिफ को इस साल से 2026 तक कई चरणों में लागू किया जाना है। यही वजह है कि अमेरिका इस टैरिफ के लागू होने से पहले ज्यादा से ज्यादा सामान अमेरिका भेजना चाहता है। इस कारण चीन में कंटेनर की डिमांड अचानक बढ़ गई है। दुनियाभर से खाली कंटेनर चीन भेजे जा रहे हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है। यमन के हूती विद्रोहियों ने अदन की खाड़ी से गुजरने वाले जहाजों को निशाना बनाया था। इस कारण कंटेनर की दरों में तेज उछाल आई थी। लेकिन हाल के दिनों में इसमें नरमी आने लगी थी लेकिन निर्यातकों की परेशानी फिर बढ़ने लगी है, चीनी वस्तुओं पर अमेरिका का हाई टैरिफ अगस्त से ही लागू होने लगा है। यही वजह है कि चीनी एक्सपोर्टर जल्दी से जल्दी अपना माल अमेरिका भेजना चाहते हैं। खाली कंटेनर को चीन भेजा जा रहा है ताकि उन्हें स्टॉक किया जा सके और सामान को अमेरिका भेजा जा सके। यूरोपीय संघ और कनाडा ने भी टैरिफ बढ़ा दिया है। लाल सागर में संकट के कारण जहाजों के लिए भारत का रूट लंबा हो गया है। साथ ही भारतीय बंदरगाहों पर उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। यही कारण है कि कई शिपिंग कंपनियां भारत आने से बच रही हैं।

फियो के डायरेक्टर जनरल अजय सहाय ने कहा कि शिपिंग लाइन्स हमारे पोर्ट्स पर आने से बच रही हैं क्योंकि उन्हें लंबा सफर करना पड़ रहा है। हालांकि सरकारी अधिकारियों का कहना है कि बुरा दौर बीत चुका है और आने वाले महीनों में कंटेनर सप्लाई में सुधार होने की संभावना है। एक अधिकारी ने कहा कि अगले छह से आठ हफ्तों में चीजों में सुधार की उम्मीद है। अनुमान के मुताबिक अप्रैल से जुलाई के बीच देश के एक्सपोर्ट में 6.6 फीसदी तेजी आई है। सरकार को इस फाइनेंशियल ईयर में इसके पॉजिटिव बने रहने की उम्मीद है।