तालेड़ा
तालेड़ा उपखण्ड क्षेत्र की सुवासा ग्राम पंचायत के ग्राम खलुंदा में थाका जी महाराज के एक दिवसीय मेले आयोजन हुआ जिसमें सभी ग्राम वासियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। मेले में जहरीले जीव जंतु द्वारा काटे गए लोगों की डसिया काटी गई। थाका जी महाराज के पुजारी रामरतन प्रजापत ने बताया मेले की रात्रि में विश्राम बिंदोरी गांव के पटेल ब्रह्मानंद मीणा के घर से बिंदोरी को लेकर गांव में घूमते हुए थाका जी महाराज के स्थान पर पहुंचते हैं, इसके बाद बिंदोरी के साथ संकट मोचन हनुमान जी महाराज की परिक्रमा की जाती है जिसके बाद तक जी महाराज की परिक्रमा कर बिंदोरी को समाप्त किया जाता है जिसके बाद अलगोजा द्वारा पंडाल में बैठकर तेजाजी महाराज के अलगोजा गाए जाते हैं, इसके पश्चात थाका जी महाराज की आज्ञा अनुसार जीव जंतुओं से काटे गए लोगों और महिलाओं की डसियां काटी गई। इसके साथ ही मेले की शुरुआत हो जाती है मेले में लगभग 2 से 3 घंटे तक तेजाजी महाराज के अलगोजे गाए गए। साथ ही मुख्य अतिथियों का माला और साफा पहनकर स्वागत किया गया। मेले में अतिथि के रूप में तालेड़ा के पूर्व उपप्रधान और सुवासा पंचायत के सरपंच नरेंद्र पुरी रहे । इसके पश्चात मुख्य अतिथि द्वारा ढाका जी महाराज के मेले और बिंदोरी में शामिल होने वाले सभी गाय को और ढोलक , पेटी बजाने के साथ-साथ बिंदोरी में गायन करने वाले सभी पुरस्कार वितरण किया गया।
मान्यता है कि थाका महाराज के स्थान पर किसी भी व्यक्ति को जीव जंतु या जहरीले कीट द्वारा काटे जाने पर थाका जी महाराज के थाना पर लाया जाता है और डसी बांधी जाती है, उसके पश्चात उसे व्यक्ति को अचेत अवस्था में से बाहर आ जाता है और उसका जीवन बच जाता है, इसी मान्यता के साथ लोग यहां आस्था के साथ आते हैं दर्शन करने के लिए। थाका जी महाराज के दर्शन को आसपास के कई गांव के लोग आते हैं इस दिन गांव में सभी के घरों में लड्डू बाटी बनाए जाते हैं और उसका भोग लगाया जाता है। समिति के बद्रीलाल सुमन, मोहन मीणा, प्रगाश मीणा, गोपीलाल मेघवाल, घनशयाम धोबी, रामनिवास मीणा, कालूलाल खारवाल, रामदेव मेघवाल, श्रीनिवास जोशी , महावीर धोबी, भवानी शंकर मेघवाल, बिहारी लाल मीणा नंदकिशोर मेघवाल,सहित ग्रामीण और आसपास के गांव के लोग मौजूद रहे ।