नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने छोटे बच्चों वाली कामकाजी महिलाओं की सहूलियत के लिए बजट में निजी उद्योगों के साथ मिल कर क्रेच खोलने की घोषणा को अब आकार देने की शुरूआत कर दी है।

महिला बाल विकाल मंत्रालय ने क्रेचों के संचालन और प्रबंधन के लिए नेशनल मिनिमम स्टैंडर्ड प्रोटोकाल जारी किये हैं इसके अलावा सार्वजनिक और निजी साझेदारी के साथ क्रेचों की स्थापना पर विविध दृष्टिकोण एकत्रित करने के लिए उद्योग संगठनों और विभिन्न एजेसिंयों के साथ बैठकें भी हो रही हैं।

कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी

 

अगले पांच वर्षों में दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने का संकल्प लेकर चल रही मोदी सरकार का जोर वोमेन लेड डेवलेपमेट पर है, जिसके लिए कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है। कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी तभी बढ़ेगी जब उनकी और उनके बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।

कामकाजी महिलाएं हमेशा बच्चों की देखभाल और सुरक्षा को लेकर चिंतित रहती हैं इसी चीज को महसूस करते हुए सरकार ने बजट में निजी उद्योगों के साथ मिलकर क्रेच योजना शुरू करने की घोषणा की थी। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने जागरण को खास बातचीत में बताया कि इस दिशा में काम हो रहा है।

 

मंत्रालय ने क्रेचों के लिए नेशनल मिनिमम स्टैंडर्ड एंड प्रोटोकाल (संचालन और प्रबंधन) जारी किया है। इसका उद्देश्य व्यक्तिगत सेवा एजेंसियों, संस्थाओं, कंपनियों, विश्वविद्यालयों, अस्पतालों, देखभाल सेवा प्रदाताओं, सरकारी संगठनों, गैर सरकारी संगठनों आदि द्वारा क्रेच स्थापित करने के लिए मार्गदर्शन करना है।