भजनलाल सरकार ने फोन टैपिंग मामले में केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर केस वापस ले लिया है। आज सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की एप्लिकेशन को मंजूर करते हुए केन्द्र सरकार के खिलाफ दायर याचिका को खारिज़ कर दिया हैं। तत्कालीन गहलोत सरकार ने फोन टैपिंग से जुड़े मामले में दिल्ली पुलिस को राजस्थान में जांच से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की थी।भजनलाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र लगाकर कहा था कि यह मुकदमा मेरिट पर आगे नहीं चल सकता है। ऐसे में न्याय के हित में और न्यायालय का कीमती समय बचाने के लिए राज्य सरकार ने यह मुकदमा वापस लेना चाहती हैं।केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य सरकार पर फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए 25 मार्च 2021 को दिल्ली क्राइम ब्रांच में पूर्व सीएम अशोक गहलोत के तत्कालीन ओएसडी लोकेश शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। गहलोत सरकार तब दिल्ली क्राइम ब्रांच को इस मुकदमे में जांच से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट गई थी।गहलोत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर तर्क दिया था कि दिल्ली पुलिस के पास इस मामले की जांच का क्षेत्राधिकार नहीं है और केवल राजस्थान पुलिस को इस एफआईआर में जांच करनी चाहिए। ऐसे में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग गहलोत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से की थी। यह मामला तभी से सुप्रीम कोर्ट में लंबित चल रहा है। फरवरी में सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी। उस समय राजस्थान सरकार ने कोर्ट से समय मांगते हुए कहा था कि वह मुकदमे को जारी रखना चाहती है कि नहीं, इस पर निर्णय लेगी। ऐसे में उसे कुछ समय दिया जाए।